यूपी में एमएसएमई के लिए अनेक सहूलियतों का ऐलान | बीएस संवाददाता / लखनऊ May 11, 2020 | | | | |
कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण बढ़ी बेरोजगारी और बाहर से लौटे लाखों प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए योगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़े पैमाने पर सहूलियतों का ऐलान करते हुए उनके लिए पूंजी की दिक्कत दूर करने का फैसला किया है।
सभी तरह के छोटे, मझोले व बड़े उद्योगों की सहायता के लिए प्रदेश सरकार 12 से 20 मई तक विशाल लोन मेले का आयोजन करेगी। इस लोन मेले में ऑनलाइन आवेदन कर कोई भी उद्यमी कर्ज ले सकेगा। लोन मेला के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने आज स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की महत्त्वपूर्ण बैठक भी बुलाई। उत्तर प्रदेश को देश का नया एमएसएमई हब बनाने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छोटे व मझोले उद्यमी पहले आएं और उद्योग लगाएं, उसके बाद 1,000 दिनों में आखिर के 100 दिनों के भीतर तयशुदा अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करें। मुख्यमंत्री की नजर उत्तर प्रदेश में फिलहाल कार्यरत एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर की 90 लाख छोटी बड़ी यूनिटों पर भी है। जहां हर यूनिट में नए रोजगार पैदा कर 90 लाख नए लोगों को नौकरी दिलाने का लक्ष्य है। नई आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए व्यावहारिक रवैया अपनाते हुए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक यूनिट में कम से कम एक अतिरिक्त रोजगार सृजित करने की लक्ष्य तय किया है।
छोटे व मझोले उद्योगों के लिए पर्यावरण नियमों को छोड़ बाकी नियमों का सरलीकरण किया गया है। पर्यावरण संबंधी प्रावधानों व अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए भी नए नियम निर्धारित किए गए हैं।
अब नए नियमों को मुताबिक अगर सब कुछ सही है तो तय सीमा के भीतर पर्यावरण समेत सभी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देनी ही होगी। सभी छोटे, बड़े उद्यमियो के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी कर दिया गया है और इस प्रक्रिया की निगरानी मुख्यमंत्री के स्तर पर की जाएगी।
औद्योगिक विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि एनओसी दिए जाने की पूरी प्रक्रिया को ऑटोमोड में पूरा किया जाए। उद्यमीे सभी तरह के एनओसी के लिए ऑनलाइन ही आवेदन करेंगे और ऐसे ही प्राप्त करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
टीम 11 के साथ बैठक में में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में तेजी से बढ़ी प्रति व्यक्ति आय को और बढ़ाने का लक्ष्य रखा जाए। उन्होंने कहा कि 2016 में यूपी की प्रति व्यक्ति आय अब तक के निचले स्तर पर पहुंची थी।
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