मुंबई के लॉकडाउन से ऊबे श्रमिक | |
राघवेंद्र कामत और अमृता पिल्लई / 05 10, 2020 | | | | |
देश में सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले मुंबई की श्रमिकों की किल्लत को लेकर चिंता बढ़ रही है। इस शहर में आवास एवं बुनियादी ढांचा निर्माण और बिजली कंपनियां कह रही हैं कि उनके कामगार अपने घर जाना चाहते हैं।
अब सरकार मजदूरों को अपने गृह राज्य लौटने के लिए विशेष ट्रेन मुहैया करा रही है। ऐसे में बहुत से ऑन-साइट मजदूर इन ट्रेनों से घर लौटना चाहते हैं। शहर में कोरोना के बढ़ते मामलों से भी उनकी बेचैनी बढ़ रही है। कुछ लोग गांवों में अपने परिवार के पास लौटना चाहते हैं। वहीं अन्य अपने खेतों में बुआई के लिए बारिश के सीजन से पहले घर लौटना चाहते हैं। मजदूर गर्मियों में इसलिए भी अपने घर लौटते हैं क्योंकि इस सीजन में शादियां होती हैं और वे गांव में अपने परिवार को खेती-बाड़ी में मदद देते हैं।
शापूरजी पलोनजी ईऐंडसी के प्रवक्ता ने कहा, 'हाल में सरकार ने प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य लौटने की मंजूरी दी है। इसके बाद उन प्रवासी मजदूरों के आवेदन तेजी से बढ़े रहे हैं, जो अपने गृह राज्य की ट्रेन पकडऩा चाहते हैं। करीब 40 दिन के लॉकडाउन ने इन कामगारों के धैर्य की परीक्षा ली है।'
ओबेरॉय रियल्टी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक विकास ओबेरॉय ने कहा, 'हमारे 40 से 50 फीसदी मजदूर घर जाना चाहते हैं, जबकि शेष वहीं ठहरना चाहते हैं। वे यह भी महसूस कर रहे हैं कि अगर वे अपने घर लौटते हैं तो उन्हें अपने परिवार में जाने से पहले 21 दिन क्वारंटीन में रहना होगा।' शहर के मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) की अपनी साइट पर करीब 11,000 श्रमिक हैं, जो शहर के व्यापक मेट्रो नेटवर्क समेत विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'हम लॉकडाउन की वजह से आसानी से काम कर पाए क्योंकि सड़क खाली थीं और निर्माण कार्य का प्रबंधन करना आसान था। श्रमिकों की उपलब्धता हमारी मुख्य चिंता है।'
अधिकारी ने कहा कि शहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए श्रमिक असहज हैं। उन्होंने कहा, 'वे हमारी साइट पर हैं और उनका ख्याल रखा जा रहा है। उन्हें संक्रमण को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हालांकि अगर वे जाना चाहते हैं तो हम उन्हें रुकने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।'
अभी तक शहर का योजना प्राधिकरण उनमें जागरूकता पैदा करने और उनकी चिंता दूर कर उन्हें यहीं ठहरने के लिए राजी करने में सफल रहा है। जिन रियल एस्टेट कंपनियों ने अपने श्रमिकों को साइट पर ही रखने की व्यवस्था की है, उन्हें भी ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मगर वजह अलग-अलग हैं।
ओबेरॉय ने कहा कि कंपनी अपने कामगारों से बातचीत कर रही थी और उन्हें लॉकडाउन रहने तक काम करने के लिए राजी किया था। उन्होंने कहा, 'हम उनमें से 50 फीसदी से अधिक को समझाने में सफल रहे हैं।' मुंबई के कुछ श्रमिक बुआई के सीजन में अपने खेतों में काम करने के लिए उससे पहले ही अपने घर पहुंच जाना चाहते हैं। हीरानंदानी के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा, 'हमारी साइटों पर मौजूद श्रमिकों में से बहुत से खेती-बाड़ी के लिए अपने घर लौटाना चाहते हैं। वे हर साल बारिश के सीजन में फसल उगाने के लिए इस सीजन से पहले घर चले जाते हैं। कुछ समय श्रमिकों की किल्लत रहेगी।'
शापूरजी पलोनजी ईऐंडसी जैसी कुछ कंपनियां श्रमिकों को उत्साहित रखने के लिए प्रोत्साहन एवं अन्य उपायों का सहारा ले रही हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, 'हम अपने श्रमिकों को वित्तीय रूप से प्रोत्साहन दे रहे हैं और उन्हें उत्साहित रखने के लिए समय पर भुगतान कर रहे हैं।' अन्य उपायों में लॉकडाउन के बाद रोकथाम एवं कल्याणकारी उपायों को जारी रखने का आश्वासन, श्रमिकों की बेचैनी दूर करने के लिए प्रेरणादायक चर्चा और अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह आदि शामिल हैं।
मुंबई में बिजली प्रदाता अदाणी ट्रांसमिशन के कार्याधिकारियों ने शनिवार को मीडिया कॉल में कहा, 'जमीनी स्तर पर अपग्रेडेशन से संबंधित काम जारी है। एकमात्र चिंता यह है कि मजदूर पलायन न कर जाएं।'
हालांकि शहर में हर किसी को ऐसी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। शहर की तटीय सड़क परियोजना से सीधे जुड़े लोगों ने बताया कि श्रमिक बिना किसी चिंता के ठहरे हुए हैं। सनटेक रियल्टी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कमल खेतान ने कहा कि उनके 2,000 श्रमिक साइट पर हैं और 10 में से 9 साइट पर काम शुरू हो चुका है।
हालांकि श्रमिक वर्ग को राजी करने के प्रयास हो रहे हैं, मगर शापूरजी पलोनजी ईऐंडसी जैसी कंपनियों का मानना है कि श्रमिकों की तादाद सामान्य स्तर पर आने में कम से कम छह महीने लगेंगे।
कोरोना : घटनाक्रम
► देश में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या रविवार सुबह 8 बजे तक 2,109 हो गई और संक्रमण के मामले 62,939 पर पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 128 लोगों की मौत हुई और 3,277 मामले सामने आए
► केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 की जांच बढ़कर प्रतिदिन लगभग 95,000 हो गई है, जबकि 332 सरकारी और 121 निजी प्रयोगशालाओं में अब तक 15 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है
► स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 483 जिलों में कोविड-19 के मरीजों के लिए 7740 विशेष स्वास्थ्य केंद्र तय किए गए हैं
► दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शहर में कोविड-19 के 75 प्रतिशत मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं और गंभीर रूप से संक्रमित तथा संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कम है
► दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के 224 और मामले सामने आए जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 6,542 हो गई है
► लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे 572 भारतीय रविवार तड़के मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डïे पर पहुंचे और उन्हें क्वारंटीन में रहने को कहा गया है
► कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर में लगी यात्रा पाबंदियों के कारण ब्रिटेन में फंसे 329 भारतीय नागरिक एयर इंडिया के विमान से शनिवार देर रात मुंबई पहुंचे
► एअर इंडिया के पांच पायलट कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एयरलाइन के सूत्रों ने यह जानकारी दी
► मालदीव से 698 भारतीय नागरिकों को लेकर नौसेना का पोत आईएनएस जलाश्व रविवार सुबह कोच्चि बंदरगाह पहुंचा। विदेश से भारतीयों को निकालने का भारतीय नौसेना का पहला बड़ा अभियान पूरा हो गया
► देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में भी कोरोना संक्रमण के 62 नए मामले सामने आए
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