किफायती दरों पर उड़ान सेवा देने वाली निजी विमानन कंपनी इंडिगो मई से अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 25 फीसदी तक की कटौती करेगी। हालांकि, कंपनी की कोशिश निचले स्तर के कर्मचारियों को कटौती से बचाने की रहेगी। वहीं कंपनी कुछ कर्मचारियों को मई, जून और जुलाई में सीमित आधार पर बिना वेतन छुट्टियों पर भी भेजेगी।
इंडिगो के मुख्य कार्याधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने इस संबंध में कंपनी के कर्मचारियों को ईमेल भेजा है। कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसके चलते लोगों की आवाजाही पर पाबंदी है। विमानन उद्योग को भी इससे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ईमेल में दत्ता ने कहा है, हमने मार्च और अप्रैल में कर्मचारियों का पूरा वेतन दिया। अब हमारे पास वास्तविक तौर पर घोषित वेतन कटौती को मई 2020 से लागू करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है।
इंडिगो ने 19 मार्च को वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन में कटौती की घोषणा की थी। लेकिन सरकार की अपील को ध्यान में रखते हुए उसने इसे 23 अप्रैल को वापस ले लिया। दत्ता ने अपने संदेश में कहा, वेतन कटौती के साथ-साथ हमें एक और कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है। हम मई, जून और जुलाई में श्रेणीबद्ध तरीके से लोगों को सीमित तौर पर बिना वेतन की छुट्टी पर भी भेजेंगे। उन्होंने कहा कि बिना वेतन की ये छुट्टियां कर्मचारियों की श्रेणी के हिसाब से डेढ़ दिन से लेकर पांच दिन तक होंगी। इस पूरी प्रक्रिया में हम यह ध्यान रखेंगे कि हमारे ए श्रेणी के कर्मचारियों पर कोई प्रभाव ना पड़े, जो हमारे कार्यबल का सबसे बड़ा हिस्सा भी हैं। कंपनी की ओर से 19 मार्च को घोषित नीति के मुताबिक दत्ता खुद के वेतन में 25 फीसदी की सबसे अधिक कटौती करेंगे। वहीं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन में भी कटौती की जानी है। इसके हिसाब से वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उससे ऊपर के स्तर पर कर्मचारियों के वेतन में 20 फीसदी, उपाध्यक्ष और विमान चालक दल कर्मचारियों
के वेतन में 15 फीसदी, सहायक उपाध्यक्ष, डी-श्रेणी और इस स्तर के चालक दल कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी और सी-श्रेणी पर 5 फीसदी की वेतन कटौती की जानी है। इससे पहले गोएयर अपने अधिकतर कर्मचारियों को मई के अंत तक बिना वेतन की छुट्टी पर भेज चुकी है।
विस्तारा ने अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को अप्रैल में छह दिन तक की अनिवार्य छुट्टी पर भेजा था। मई और जून में उन्हीं कर्मचारियों को हर महीने चार-चार दिन तक की अनिवार्य छुट्टी लेनी होगी। एयरएशिया इंडिया अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 20 फीसदी तक की कटौती कर चुकी है। जबकि एअर इंडिया ने अपने कर्मचारियों का वेतन 10 फीसदी काटा है। स्पाइसजेट ने भी मध्यम स्तर से लेकर वरिष्ठ स्तर तक के कर्मचारियों के वेतन में 10 से 30 फीसदी तक की कटौती की है। देश में अधिकतर विमानन कंपनियां किराए पर लिए विमानों से परिचालन करती हैं। उनकी कोशिश है कि विमानों के किराए को छह महीने के लिए टाल दिया जाए। लॉकडाउन की अवधि में देश में किसी तरह की वाणिज्यिक उड़ान की अनुमति नहीं है। नागर विमानन महानिदेशालय के आदेशानुसार सिर्फ मालवहन, चिकित्सा कार्यों और विशेष अनिवार्य उड़ानों का ही परिचालन किया जा रहा है।