भले ही जेल में बंद येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदु और पुत्रियां राधा, रोशनी, और राखी अवैध रकम स्वीकार करने, भेदिया कारोबार और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में जांच के घेरे में हैं, लेकिन उन व्यवसायों की व्यवहार्यता पर भी संदेह बरकरार है जो उनके ट्रस्टों और संबद्घ कंपनियों द्वारा वित्त पोषित थे। इनमें कम से कम एक दर्जन उद्यम शामिल हैं जिनमें करीब 2,000 लोग काम करते हैं। ज्यादातर छोटे और मझोले व्यवसायों कई उद्यमों का घालमेल है और इनमें स्कूल, गोवा में किराए का विला और गुरुग्राम में कंट्री क्लब शामिल हैं। इनमें मुंबई में युवा अधिकारियों के लिए एक बिजनेस क्लब, स्पोर्टिंग फ्रेंचाइजी, फ्रेंच लग्जरी एक्सेसरीज ब्रांड, ड्राई क्लीनिंग स्टोरों की शृंखला, को-वर्किंग कार्यालय स्पेस और पाक्षिक व्यावसायिक पत्रिका बिजनेसवल्र्ड भी शामिल हैं। साथ ही, सभी व्यवसायों को कोविड-19 महामारी के बीच लॉकडाउन और कमजोर आर्थिक गतिविधि का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन व्यवसायों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। उद्यमों के एक अधिकारी ने ईमेल पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'थ्री सिस्टर्स इंस्टीटï्यूशनल ऑफिस द्वारा तैयार किए गए उद्यमों को बेहद अनुभवी पेशेवर उद्यमियों द्वारा चलाया जाता है और कुछ कंपनियों ने जाने-माने पीई/वीसी फंडों से संस्थागत पूंजी जुटाई थी।' अधिकारी ने यह भी कहा, 'कोविड-19 महामारी की वजह से सभी व्यवसाय सरकार द्वारा निर्धारित उन मानकों और शर्तों पर अमल कर रहे है, जो उनके संबद्घ उद्योगों के लिए लागू हैं।' कपूर जेल में हैं, जिसे देखते हुए क्या ये व्यवसाय प्रभावित होंगे? ककई बड़े व्यावसायिक आपराधिक मामलों पर काम कर चुके अधिवक्ता पर्सीवल बिलिमोरिया का जवाब यह है कि यदि अन्य कंपनियों का गबन के पैसे से वित्त पोषण किया गया था, तो उधार दी गई पूंजी निवेशक कंपनी को लौटाई जानी चाहिए। अलवरेज ऐंड मार्शल के प्रबंध निदेशक हरकमल घुमन ने कहा, 'जब भी किसी कंपनी पर प्रवर्तक की गतिविधि की वजह से समस्या पैदा होती है, तो इससे अन्य सभी संबंधित कंपनियों के लिए जांच और सख्ती बढ़ जाती है। साख बचाने और न्याय व्यवस्था के तहत जरूरी कदमों से गुजरने से बिक्री, कोष उगाही और अन्य पूंजी आवंटन की व्यावसायिक योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।' ऑफिस स्पेस, ए क्लब, पाम्स टाउन और कंट्री क्लब के साथ साथ शैक्षिक केंद्रों पर दबाव पडऩे की आशंका दिख रही है। इसकी वजह सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े मानक, और विलासिता खर्च में कमी आना है जिससे पूरा उद्योग प्रभावित हुआ है। येस बैंक के एक पूर्व कर्मचारी ने संकेत दिया है कि प्रवर्तक मुख्य रूप से उन कई कंपनियों के जरिये व्यवसायों में खरीदारी या निवेश करेंगे, जिनमें राणा कपूर की पुत्रियां प्रवर्तक थीं। सभी या ज्यादातर निवेश कपूर परिवार के कार्यालय द्वारा वित्त पोषित थे। वर्ष 2008 में शुरू हुई ड्राई-क्लीनिंग चेन प्रेस्टो की उपस्थिति फिलहाल लगभग 45 स्थानों पर है और इसका नेतृत्व राधा कपूर द्वारा किया गया था। जहां ज्यादातर सहायक व्यावसायिक उद्यम कोरोना महामारी की वजह से बंद पड़े हैं, वहीं कुछ के अधिकारियों ने उन्हें अलविदा कहना शुरू कर दिया है। लंबे समय से होटल कारोबारी और एक क्लब के मुख्य अधिकारी रोमिल रात्रा ने फरवरी में अपनी पूर्णकालिक जिम्मेदारी छोड़ दी। हालांकि उन्होंने इस बारे में पूछे जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की। ए क्लब के लगभग 400 सदस्य हैं। जहां मौजूदा जांच प्रक्रिया से जुड़ी भारतीय कंपनियां प्रभावित होंगी, वहीं कपूर की परिसंपत्तियां अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस में भी स्थित हैं। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि क्या इन देशों में भी कपूर परिवार ने कंपनियां स्थापित की थीं।
