पहले जैसी आभूषण की बिक्री में लग जाएंगे कई साल | |
दिलीप कुमार झा / मुंबई 05 08, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस महामारी के प्रसार से आभूषण की बिक्री पर भारी चोट पड़ी है और इसके सामान्य स्थिति में पहुंचने यानी महामारी के पूर्व स्तर तक आने में कई वर्ष लग सकते हैं। यह कहना है विशेषज्ञों का, जो रत्न व आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद की तरफ से बुधवार को आयोजित वेबिनार में शामिल हुए।
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (इंडिया) के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा, जब लॉकडाउन की अवधि खत्म होगी तो स्वर्ण आभूषण की बिक्री में काफी बदलाव होने जा रहा है। बिक्री वापस पटरी पर आएगी क्योंकि सोना प्राथमिकता वाली परिसंपत्ति होती है और बेटी को इसे शादी में दिया जाता है। लेकिन सामान्य स्थिति बहाल होने में कई साल लग जाएंगे यानी कोरोना के प्रसार के पूर्व स्तर पर बिक्री को पहुंचने में समय लगेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के कारण देश भर में आभूषण की बिक्री थम गई है, जिसकी शुरुआत 25 मार्च को हुई। सभी फैक्टरियां, खुदरा व थोक स्टोर इस अवधि में बंद रहे हैं ताकि भीड़भाड़ न हो और इस तरह से कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हालांकि कोरोना प्रभावित इलाकों में गैर-जरूरी दुकानों को आंशिक रूप से खोलने की अनुमति दी है, लेकिन आभूषण विनिर्माण इकाइयां अभी पूरी क्षमता से शुरू नहीं हो पाई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए मंत्रालय ने 30 फीसदी कर्मचारी क्षमता के साथ परिचालन शुरू करने की इजाजत दी है। इसके बाद कुछ फैक्टरियों ने सूरत व जयपुर में आभूषण का उत्पादन शुरू किया। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में फैक्टरियां खोलने की अनुमति नहीं दी है।
सोमसुंदरम का मानना है कि लुभावनी पेशकश मसलन सोने के आभूषण पर शून्य गढ़ाई आने वाले समय में शायद कारगर नहीं होगी। उन्होंने कहा, ज्वैलरों को और पारदर्शिता लाने की दरकार है मसलन सोने का स्रोत, हॉलमार्किंग व सर्टिफिकेशन आदि। ग्राहकों का व्यवहार बदलेगा। फोटो चुनकर आभूषण की खरीद स्टोर जाने के मुकाबले बढ़ेगी। ऐसे में हमारा मानना है कि इस साल सोने की काफी बिक्री प्रभावित होने जा रही है।
वायरस के कारण फैक्टरी बंद होने से नौकरियों का नुकसान हुआ और अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ा। इसलिए ग्राहक अन्य लक्जरी सामान ऑनलाइन खरीदने के साथ सोने व हीरे के आभूषण खरीद सकते हैं।
रत्न व आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के वाइस चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा, इसके लिए ब्रांड के नवोन्मेष आदि की दरकार है ताकि कोविड के बाद वाले दौर में आभूषण की बिक्री सुधरे।
इस बीच, उपभोक्ताओं के व्यवहार में नाटकीय बदलाव हुआ है। अब खर्च डिस्क्रिशनरी उत्पादों मसलन सुरक्षा और अस्तित्व बचाने वाले उत्पादों की ओर हो रहा है।
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