अब प्राकृतिक गैस पर दांव लगा रहे कच्चे तेल के कारोबारी | राजेश भयानी / मुंबई May 06, 2020 | | | | |
पिछले महीने एमसीएक्स पर कच्चा तेल अनुबंध विवाद के बाद के बाद ज्यादातर कारोबारियों ने अपनी पोजीशन ईंधन से हटाकर प्राकृतिक गैस में स्थानांतरित कर दी है। एमसीएक्स पर जब कच्चा तेल अप्रैल अनुबंध जब 20 अप्रैल को समाप्त हो रहा था तो एक्सचेंज के कुल कारोबार में कच्चे तेल की भागीदारी 29.4 फीसदी थी जबकि प्राकृतिक गैस का योगदान महज 6 फीसदी था। अब रुझान काफी हद तक गैस के पक्ष में दिख रहा है।
एमसीएक्स के आंकड़े के अनुसार, एक्सचेंज के कुल कारोबार में प्राकृतिक गैस की भागीदारी लगभग तीन गुनी हो गई है, लेकिन कच्चे तेल का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा घट गया है। अप्रैल अनुबंध की निपटान कीमत -2,884 रुपये प्रति बैरल घोषित किए जाने के बाद कई बड़े ब्रोकरों ने एमसीएक्स पर कच्चे तेल में कारोबार बंद कर दिया है। यह एक असामान्य घटनाक्रम था क्योंकि एमसीएक्स सिस्टम गिरावट में कारोबार में सक्षम नहीं था और कई बड़े कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ।
इन कारोबारियों और उनके कई ग्राहकों द्वारा एमसीएक्स पर कच्चे तेल डेरिवेटिव्स में कारोबार बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसकी कीमतें काफी अस्थिर बनी हुई हैं। बाजार में इसे लेकर आशंका है कि एमसीएक्स अनुबंध भी गिरावट का शिकार आ सकता है। इस वजह से कारोबार अब प्राकृतिक गैस की ओर स्थानांतरित हो गया है और इससे कच्चे तेल की कीमतों में अनिश्चितता दिख रही है।
केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने कहा, 'डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतें नकारात्मक होने और एमसीएक्स क्रूड ऑयल पर मार्जिन में भारी तेजी से कारोबारी अन्य ऊर्जा उत्पाद (प्राकृतिक गैस) पर ध्यान दे रहे हैं। मार्च और अप्रैल में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतें कई वर्षों के निचले स्तर पर रह गईं और साथ ही ऋण किल्लत से भी आने वाले सप्ताहों और महीनों में उत्पादन पर दबाव पडऩे की आशंका है।'
अमेरिका के तेल एवं गैस क्षेत्रों में परिचालन में लगे रिगों की संख्या घटी है, जो प्राकृतिक गैस कीमतों के लिए मंदी नहीं है। केडिया ने कहा, 'इसलिए, इस समय, प्राकृतिक गैस कीमतें काफी सस्ती हैं, मार्जिन भी कम है, बुनियादी आधार सकारात्मक हो रहा है, इसलिए कारोबारी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।' एमसीएक्स पर आज प्राकतिक गैस कीमत 5.6 फीसदी बढ़कर 159 रुपये पर थी जबकि कच्चा तेल शाम 5 बजे तक 11.2 फीसदी तक की तेजी के साथ 1,729 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
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