ऐक्सिस बैंक के घाटे से दिख रहा जोखिम | बीएस संवाददाता / मुंबई May 05, 2020 | | | | |
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) ने कहा है कि निजी निजी क्षेत्र के ऋणदाता ऐक्सिस बैंक की चौथी तिमाही (31 मार्च 2020 में समाप्त तिमाही) के वित्तीय नतीजे से भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर जबरदस्त दबाव और अनिश्चितता का पता चलता है।
बैंक ने चौथी तिमाही के लिए 1,400 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है क्योंकि उसे कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के साथ-साथ डूबते ऋण के लिए अधिक प्रावधान करना पड़ा है।
तिमाही के दौरान ऐक्सिस बैंक की उधारी लागत उम्मीद से कहीं अधिक रही लेकिन उसके एहतियाती कदम से भी उसमें वृद्धि हुई। एसऐंडपी ने कहा है कि विवेकपूर्ण प्रावधान से बैंक को भविष्य में निश्चित तौर उधारी लागत को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
ऐक्सिस बैंक ने 25 अप्रैल 2020 तक ऋण अदायगी में मोहलत का लाभ लेने वाले अपने 10 फीसदी से अधिक ग्राहकों (मूल्य के लिहाज से लोन बुक का 25 फीसदी) की पहचान की है। उसने कहा है कि अधिक ग्राहकों ने मौजूदा कठिन समय में नकदी संरक्षित रखने के उद्देश्य से अदायगी में मोहलत का लाभ ले रहे हैं। एसऐंडपी ने कहा, 'हम ऋण अदायगी में मोहलत का लाभ उठाने वाले ग्राहकों के अनुपात की तुलना करेंगे ताकि पता चल सके कि ऐक्सिस अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले किस स्थिति में है।'
ऐक्सिस बैंक के लिए नकारात्मक परिदृश्य (बीबीबी-/निगेटिव/ए-3) से पता चलता है कि बैंक के लिए आर्थिक जोखिम अधिक है और भारतीय अर्थव्यवस्था पर जोखिम कहीं अधिक है। एसऐंडपी ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि बैंक अपनी मजबूत बाजार स्थिति को बरकरार रखेगा और अगले 18 महीनों के दौरान उसके पास पर्याप्त पूंजी उपलब्ध रहेगी।'
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