पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड अपने दवा कारोबार की 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के करीब है और श्रीराम समूह की कंपनियों में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए खरीदार की तलाश कर रही है ताकि कर्ज घटा सके और लॉकडाउन के बाद वित्तीय देनदारी पूरी करने की खातिर 9,000 करोड़ रुपये की नकदी तैयार कर सके।
बैंकरों ने कहा कि पीरामल एंटरप्राइजेज दवा कारोबार की 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 3,500 करोड़ रुपये का मूल्यांकन चाह रही है और प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर के साथ उसकी बातचीत काफी आगे बढ़ गई है। इसके साथ ही पीरामल एंटरप्राइजेज श्रीराम समूह में 5,500 करोड़ रुपये की अपनी हिस्सेदारी मार्च 2021 से पहले बेचना चाह रही है।
पीरामल ने कर्ज घटाने के कई कदम उठाए हैं जब उसका रियल एस्टेट क्षेत्र पर दांव लॉकडाउन से काफी पहले ही अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण कारगर नहीं रहा। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में इक्विटी के तौर पर 5,400 करोड़ रुपये जुटाए थे और मार्च 2020 में समाप्त तिमाही में अपना हेल्थकेयर इनसाइट्स व एनालिस्टिक्स सेगमेंट 6,750 करोड़ रुपये मेंं बेचा ताकि कर्ज की देनदारी पूरी कर सके। इससे पहले जून 2019 में कंपनी ने श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कंपनी की 10 फीसदी हिस्सेदारी 2,200 करोड़ रुपये में बेची थी।
हिस्सेदारी बिक्री पर केकेआर और पीरामल एंटरप्राइजेज ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
वित्त वर्ष 2019 में कंपनी की लोनबुक का करीब 70 फीसदी होलसेल रियल एस्टेट लोनबुक का था और वह उच्च लागत वाला फंड जुटा रही थी। इसके अलावा पीरामल का राजस्व व वित्तीय सेवा कारोबार के लाभ का करीब आधा एनबीएफसी व एचएफसी सहायक देती है, जो अब लॉकडाउन के कारण अवरोध का सामना कर रही है।
बैंकरों ने कहा कि कंपनी को हिस्सेदारी बिक्री में तेजी लानी होगी क्योंकि लॉकडाउन से कुल बढ़त और एनबीएफसी व एचएफसी के संग्रह पर असर पड़ सकता है और यह क्रेडिट प्रोफाइल को भी प्रभावित कर सकता है। दवा डिविजन की (जिसकी मौजूदगी 100 देशोंं में है) भारत, उत्तर अमेरिका व ब्रिटेन समेत 13 स्थान पर विनिर्माण संयंत्र हैं। कंपनी ने अपना वैश्विक दवा कारोबार ओटीसी कारोबारों के जरिए बढ़ाया है और वह मुख्य रूप से 50 करोड़ डॉलर के अधिग्रहण से। ज्यादा कर्ज से वित्त वर्ष 2020 में क्रेडिट मैट्रिक्स व नियोजित पूंजी पर रिटर्न नरम हो गया है। यह कहना है बैंकरों का।
बैंकरों ने कहा कि पीरामल के पास 31 मार्च को नकदी व नकदी समकक्ष करीब 2,974 करोड़ रुपये के थे जबकि इसके एक साल पहले मार्च 2019 को 811 करोड़ रुपये थे। पीईएल का शेयर 8.5 फीसदी की गिरावट के साथ 904 रुपये पर बंद हुआ।