'विमानन क्षेत्र को नहीं मिले प्रोत्साहन पैकेज के संकेत' | अरिंदम मजूमदार / नई दिल्ली May 05, 2020 | | | | |
वाडिया समूह के प्रवर्तकों नुस्ली और उनके बेटे जेह वाडिया ने कहा है कि विमानन क्षेत्र को उबारने के लिए सरकार और बैंकों से किसी तरह मदद के संकेत नहीं मिले हैं। वाडिया समूह के पास किफायती विमानन सेवा कंपनी गोएयर का स्वामित्व है, जिसने अपने 90 फीसदी कर्मचारियोंं को 4 मई तक बिना वेतन छुट्टी पर भेज दिया है। वाडिया समूह के पास कई अन्य कंपनी मसलन एफएमसीजी दिग्गज ब्रिटानिया और बॉम्बे डाइंग का स्वामित्व है। बॉम्बे डाइंग टेक्सटाइल की सबसे बड़ी उत्पादकों में से एक है और 3 मई को एयरलाइन कर्मचारियों को लिखे पत्र में ये बातें कही गई है।
विगत में वाडिया ने गोएयर के लिए कर्ज जुटाने की खातिर समूह कंपनी के पास मौजूद 80 करोड़ रुपये के शेयर गिरवी रख दिए थे और विमानन कंपनी की तरफ से कार्यशील पूंजी की बढ़ाई गई सीमा के लिए 500 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट गारंटी भी दी है।
वाडिया ने एक पत्र में कहा है, हम सरकार के संपर्क में हैं और उनसे ढांचागत बदलाव और वित्तीय सहायता का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन अभी कुछ भी नहीं हुआ है। इसी तरह हम बैंकों से भी अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन वे भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं कि विमानन कंपनी को कैसे सहारा देना है।
विमानन कंपनी ने निचले दर्जे के कर्मियों को छोड़कर बाकी को मार्च का वेतन नहीं दिया है, जिससे कर्मचारियों के बीच असंतोष पैदा हो गया है।
वाडिया ने अपने पत्र में अन्य पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं से तुलना भी की है, जिसने वेतन भुगतान व परिचालन के पुनर्गठन के लिए अपनी विमानन कंपनियों को वित्तीय सहायता दी है। इन विमानन कंपनियोंं को काफी मदद व वित्तीय सहायता सरकार व बैंकिंग व्यवस्था से मिली है। भारतीय विमानन कंपनियां व एयरपोर्ट (जो वायरस के प्रसार से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए) सरकार से मदद मांग रहे हैं ताकि महामारी से पडऩे वाले वित्तीय असर को कम कर सकें।
उद्योग निकाय फिक्की की विमानन समिति के चेयरमैन आनंद स्टैनली ने कहा है कि विमानन उद्योग को सरकार से तत्काल राहत की दरकार है। आनंद ने सरकार को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है। वह भारत में एयरोस्पेस दिग्गज एयरबस के प्रमुख हैं।
|