शराब फर्मों के शेयर उछले | विवेट सुजन पिंटो, जश कृपलानी और देवाशिष महापात्र / मुंबई/बेंगलूरु May 04, 2020 | | | | |
शराब उत्पादक कंपनियों के शेयर सोमवार को 3 से 16 फीसदी तक उछल गए क्योंकि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सरकार ने करीब छह हफ्ते तक बंद पड़ी शराब दुकानों दोबारा खोलने की अनुमति दी है।
यह बढ़ोतरी बाजार में आई गिरावट के दौरान हुई क्योंंकि बीएसई सेंसेक्स 5.94 फीसदी टूटकर 31,715.35 अंक पर बंद हुआ। ज्यादातर अहम कंपनियों आरआईएल, टीसीएस, आईटीसी, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति और एमऐंडएम के शेयरों में सोमवार को 1 से 8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
यूनाइटेड ब्रुअरीज का शेयर हालांकि 3.23 फीसदी चढ़कर बंद हुआ लेकिन उससे पहले कारोबारी सत्र में यह सात फीसदी तक चढ़ा था। यूनाइटेड स्पिरिट्स में कुछ मुनाफावसूली हुई और यह बीएसई पर 4 फीसदी चढऩे के बाद अंत में 0.95 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।
रेडिको खेतान का शेयर कारोबारी सत्र में 10 फीसदी चढऩे के बाद अंत में 7.72 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बंद हुए। अन्य शेयरों की बात करें तो सोम डिस्टिलरीज का शेयर 4.98 फीसदी चढ़ा जबकि जीएम ब्रुअरीज के शेयर में 14.25 फीसदी की उछाल दर्ज हुई। उधर, इंदौर की एसोसिएटेड अल्कोहल्स ऐंड ब्रुअरीज का शेयर बीएसई पर 16.76 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बंद हुआ।विश्लेषकों ने कहा कि और तेजी आ सकती है क्योंकि शराब उत्पादक कंपनियों के शेयरों में कई वजहोंं से तेजी देखने को मिल रही है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख पंकज पांडे ने कहा, किसी राज्य के लिए शराब राजस्व का अहम स्रोत है। राजस्व में योगदान करने वाले अन्य क्षेत्र हैं रियल एस्टेट, जिसमें सुधार में उम्मीद से ज्यादा समय लगेगा। ऐसे में राज्य सरकारें शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व संग्रह के जरिए राजस्व संग्रह पूरा कर सकती हैं।
शराब से कर राजस्व रोजाना 700 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है यानी 2.5 लाख करोड़ रुपये सालाना। यह कहना है इंटरनैशनल स्पिरिट्स ऐंड वाइंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन किरण सिंह का, जिनके सदस्यों में डियाजियो व परनोड रिकार्ड जैसी बड़ी शराब उत्पादक कंपनियां हैं।
केंद्र सरकार ने 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी, जिसके कारण राज्यों को पिछले डेढ़ महीने में कर राजस्व में करीब 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
पांडे ने कहा, शराब की बिक्री भी कुल सुधार का शुरुआती लाभ लेने वाला होगा क्योंकि अल्कोहल की काफी मांग रहेगी। अन्य क्षेत्रों के उलट शराब की बिक्री पर किसी तरह की चोट की संभावना नहीं है। टियर-1 कंपनियों के लिए बैलेंस शीट कोई चिंता का विषय नहीं है।
सोमवार को शराब दुकानों में लोगों की लंबी कतारें देखी गई क्योंकि लोग इसकी खरीद के लिए उमड़ पड़े। बिजनेस स्टैंडर्ड ने जिन कंपनियों और उद्योग के अधिकारियों से बात की, उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जारी गृह मंत्रालय के नए दिशानिर्देश के बाद मई में करीब 25 फीसदी बिक्री हो सकती है।
भारत में करीब 70,000 शराब वेंडरों में से करीब 50 फीसदी ने अपनी दुकान सोमवार को खोली जब गृह मंत्रालय ने ग्रीन व ऑरेंज जोन में उसे खोलने की अनुमति दी। कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और असम में लोग सुबह से ही शराब की खरीदारी के लिए डटे रहे। कर्नाटक के उत्पाद मंत्री एच नागेश ने कहा, हम लॉकडाउन मेंं हुए राजस्व नुकसान की भरपाई आगामी दिनों में शराब की बिक्री से करने में सक्षम होंगे। शराब से उत्पाद कर का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में हासिल कर लिया जाएगा।
कर्नाटक ने मौजूदा वित्त वर्ष में शराब की बिक्री से 22.700 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है। हालांकि भारी मांग के कारण शराब की इन्वेंट्री अगले 10 दिन में समाप्त होने की संभावना है।
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