एफएमसीजी वितरण पर लॉजिस्टिक्स का संकट | अभिषेक रक्षित / कोलकाता May 04, 2020 | | | | |
लॉजिस्टिक्स और सामान की आवाजाही एफएमसीजी कंपनियों के लिए संकट खड़ा किए हुए है, जो इस महीने लॉकडाउन में नरमी के बाद अपने परिचालन में सुधार मानकर चल रहे थे।
फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन के मुताबिक, ट्रकों की उपलब्धता में मामूली सुधार हुआ है और यह कुल उपलब्धता (90 लाख) का महज 10 फीसदी ही है। जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब ट्रकों की उपलब्धता करीब 8 फीसदी रही थी।
डाबर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (परिचालन) शाहरुख खान ने कहा, ट्रकों की उपलब्धता और सामान की आवाजाही हर दिन सुधर रहा है, लेकिन ड्राइवरों और ट्रकों की किल्लत को देखते हुए यह अभी भी एक तरह का संघर्ष बना हुआ है।
इमामी के निदेशक हर्ष अग्रवाल ने इस पर सहमति जताते हुए कहा, ट्रकों की कमी धीरे-धीरे सुधर रही है, लेकिन अभी उसमें और सुधार की जरूरत है। पहले के मुकाबले मानव श्रम की उपलब्धता सुधरी है और हमें उसमें और सुधार की उम्मीद है जब आगामी दिनों में सरकार की तरफ से और ढील दी जाएगी। एफएमसीजी और अन्य क्षेत्रों मसलन सीमेंट क्षेत्र के अधिकारियों ने कहा कि ट्रकों की आवाजाही रेड जोन में संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदमों के कारण सीमित है। ऐसे जोन देश के एक से दूसरे हिस्से में माल पहुंचाने के मुख्य मार्गों पर हैं।
एफएमसीजी के एक अधिकारी ने कहा, फैक्टरी वाला इलाका मुख्यत: ग्रीन जोन में है, लेकिन सामान को बाजार भेजने वाले मार्ग मुख्य रेड जोन में हैं जहां आवाजाही प्रतिबंधित है। यहीं सबसे ज्यादा लॉजिस्टिक्स की चुनौती देखने को मिलती है। एचयूएल, आईटीसी, मैरिको, नेस्ले, इमामी व अन्य एफएमसीजी कंपनियों ने अपने संयंत्रों में मोटे तौर पर कामकाज बहाल कर लिया है और उनकी योजना अल्पावधि में परिचालन में बढ़ोतरी करने की है।
मैरिको के प्रवक्ता ने कहा, ज्यादातर विनिर्माण इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है और परिचालन में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। कुछ इकाइयां स्थानीय पाबंदी व श्रम की अनुपलबब्धता के कारण संकट में है, लेकिन हमें आने वाले दिनों में स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव सजल घोष ने कहा कि ड्राइवरों की भारी कमी है क्योंकि उनमें से ज्यादातर घर लौट गए हैं और स्थिति में सुधार होने तक वापस नहीं आना चाहते।
घोष ने कहा, इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार की अधिसूचना में कहा यहा है कि राज्य पास जारी करे, लेकिन विभिन्न राज्यों की पुलिस ऐसा नहीं करना चाहती, जिससे माल की आवाजाही में दिक्कत हो रही है। किसी मार्ग के हर जिले से ट्रैवल परमिट हासिल करना जटिल प्रक्रिया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माल की आवाजाही और लॉजिस्टिक्स को लेकर अधिकार निचले स्तर पर दिए गए हैं और पंचायतों के पास लॉकडाउन लागू करने का अधिकार है। एक अधिकारी ने कहा, यहीं समस्या खड़ी हो रही है क्योंकि हर पंचायत कोविड-19 की स्थिति के मुताबिक अपने फैसले लागू कर रहा है, ऐसे में लॉजिस्टिक्स की अबाध आवाजाही प्रभावित हो रही है।
ऐसी चुनौतियों का सामना कर रही एफएमसीजी कंपनियां डिलिवरी प्लेटफॉर्म व एग्रीगेटरोंं से साझेदारी कर रही है ताकि ग्राहकों को उत्पादों की डिलिवरी सुनिश्चित हो।
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