एसआईपी पर लगाम अब हो गई आसान | संजय कुमार सिंह / May 04, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन की वजह से नकद प्रवाह प्रभावित हो रहा है, इसलिए बहुत सी कंपनियों ने वेतन में कटौती और यहां तक कि छंटनी की भी घोषणा की है। इसका म्युचुअल फंडों के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) पर भी असर पड़ा है। बहुत से निवेशक एसआईपी को कुछ समय रोकने या पूरी तरह बंद करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
अगर आप अपनी एसआईपी बंद करना चाहते हैं तो यह पता लगाएं कि आपकी फंड कंपनी यह सुविधा देती है या नहीं। इस समय बहुत कम कंपनी यह सुविधा देती हैं। जिन फंड कंपनियों में एसआईपी रोकने की सुविधा नहीं है, वे जल्द से जल्द इसे मुहैया कराने की दिशा में काम कर रही हैं। अगर उनके ग्राहक एसआईपी को बंद करने के बजाय रोकते हैं तो यह उनके लिए फायदेमंद हैं।
आप कितने महीने के लिए एसआईपी रोक सकते हैं, इसकी ïअवधि हर फंड हाउस में अलग-अलग है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के प्रमुख (उत्पाद विकास एवं रणनीति) चिंतन हारिया ने कहा, 'हमारे यहां एसआईपी कम से कम एक महीने और ज्यादा से ज्यादा तीन महीने रोकी जा सकती है। एसआईपी को रोकने की अवधि तीन महीने से अधिक नहीं हो सकती।'
लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र नाथ ने बताया कि इस उद्योग में एसआईपी को रोकने की अवधि एक महीने से लेकर छह महीने तक है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड में एसआईपी रोकने की प्रक्रिया इस तरह है। निवेशक को फंड हाउस को एक ई-मेल भेजना पड़ता है, जिसमें फोलियो नंबर और एसआईपी रोक शुरू करने और समाप्त करने की तारीख देनी होती है। रोक की अवधि समाप्त होने के बाद एसआईपी स्वत: ही फिर से चालू हो जाती है। मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स एक या दो दिन में अपनी वेबसाइट पर पॉज बटन मुहैया कराने पर विचार कर रही है।
एसआईपी रोकने का यह नोटिस फंड हाउस को अग्रिम भेजने की जरूरत है। यह नोटिस अवधि हर फंड हाउस में अलग-अलग है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड में यह एसआईपी की अगली तारीख के 30 दिन पहले भेजा जाना चाहिए। फंड हाउस निवेशकों को योजना की अवधि के दौरान एक बार ही एसआईपी रोकने की मंजूरी देता है।
निवेश के लिए अपनाए जाने वाले रास्ते को ध्यान में रखें। नाथ ने कहा, 'अगर सीएएमएस या कार्वी रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) है तो निवेशकों को अपनी एसआईपी रोकने के लिए फंड हाउस को सूचित करना जरूरी है। लेकिन अगर उन्होंने एमएफ यूटिलिटी जैसे प्लेटफॉर्म के जरिये निवेश किया है तो उन्हें उस प्लेटफॉर्म को सूचित करना होगा। यह मापदंड यह है कि कौन बैंक को ऋण निर्देश भेजता है?'
स्क्रिपबॉक्स जैसे प्लेटफॉर्मों ने ग्राहकों के लिए एसआईपी रोकना आसान बना दिया है। स्क्रिपबॉक्स के सह-संस्थापक प्रतीक मेहता ने कहा, 'ग्राहकों को डैशबोर्ड पर जाना होगा और एसआईपी रोकने के विकल्प पर क्लिक करना होगा।' वे महज 48 घंटे पहले भी एसआईपी को रोकने का फैसला ले सकते हैं। लेकिन कुछ प्लेटफॉर्मों में नोटिस 15 दिन पहले दिया जाना चाहिए। स्क्रिपबॉक्स अपने निवेशकों को अनगिनत बार एसआईपी रोकने की मंजूरी देती है। कुछ मामलों में अगर लगातार तीन से छह महीने तक एसआईपी नहीं दी जाती है तो इसे रद्द किया जा सकता है।
रोक रहें हैं एसआईपी
इन दिनों एसआईपी रोकने की प्रक्रिया बहुत आसान बन गई है। मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी स्वरूप मोहंती ने कहा, 'हमने अपनी वेबसाइट पर एसआईपी रोकने के लिए बटन मुहैया कराया है। हमारी वेबसाइट पर एक ईमेल आईडी भी है, जिस पर लोग अपना आग्रह भेज सकते हैं।'
नियामक के निर्देशों के बाद एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने सभी फंड हाउस से अपनी वेबसाइट पर एसआईपी रोकने की सुविधा मुहैया कराने को कहा था। इससे पहले निवेशकों को अपनी एसआईपी रोकने के लिए अपने फंड हाउस को पत्र भेजना पड़ता था। नाथ ने कहा, 'पत्र दो-तीन सप्ताह पहले भेजा जाना चाहिए।' बदले हुए हालात में आप प्लेटफॉर्मों पर महज एक क्लिक कीजिए और आपकी एसआईपी रुक जाएगी। ये प्रक्रियाएं सभी फंडों में एक जैसी ही रहती हैं चाहे बैंक और फंड कंपनियां एक ही समूह के हैं या अलग-अलग समहू से ताल्लुक रखते हैं। मगर इस मामले में आपको सतर्कता भी बरतनी होगी। एसआईपी को समय पर रोकने या बंद करने का ध्यान रखें अन्यथा आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। नाथ ने कहा, 'एसआईपी का समय आ जाए और आपके खाते में रकम नहीं हो तो आपका बैंक 200 से 300 रुपये का जुर्माना वसूल सकता है।'
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