देशबंदी से राहत के बाद कुछ इलाकों में सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ है। हालांकि यह उम्मीद की जा रही है कि इससे पिछला काम ही होगा और नई बोली के बजाय पहले के ठेकों को पूरा करने पर जोर दिया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण काम सामान्य होने में 3 से 4 महीने लगेंगे और नई बोली का आयोजन अभी बहुत दूर है। इस समय अनुमान है कि 30-40 फीसदी परियोजनाओं में निर्माण शुरू हो चुका है क्योंकि कुछ मामलों में प्राधिकारी श्रम बल बरकरार रखने में सक्षम रहे हैं।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर कुशल कुमार सिंह ने कहा, 'चूंकि कंपनियां नई परियोजनाओं को लेने से कतराएंगी ऐसे में परियोजनाओं के आवंटन पर असर पड़ेगा।'
इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण (ईपीसी) परियोजनाओं के मामले में बोली प्रक्रिया तुरंत शुरू हो सकती है और निर्माण एक महीने के भीतर शुरू हो सकता है लेकिन श्रम शक्ति की उपलब्धता इसमें सबसे अहम बात होगी।
हालांकि, बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) और हाइब्रिड एन्युटी परियोजनाओं के मामले में यदि आज बोली लगाई जाती है तो काम का आरंभ वित्तीय लेनदेन तय होने के बाद ही आरंभ होगा और इसमें ही तीन से चार महीने का वक्त लग जाता है। इतने समय में श्रमिकों की उपलब्धता की समस्या भी दूर हो जाने की उम्मीद है। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इस विचार का विरोध करते हैं। पूर्व सड़क सचिव विजय छिब्बर के मुताबिक अभी के हालात में परियोजना के प्रकार का परियोजना शुरू होने और पूरा होने से कोई लेना देना नहीं है।छिब्बर ने कहा, 'एक बार परियोजना जब लागू होने के चरण में पहुंच जाती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह ईपीसी, बीओटी या एचएएम है। यदि निर्माण सामग्री उपलब्ध हो तो कोई चुनौती नहीं है और संघर्ष मुख्य तौर पर परियोजना और स्थान के आधार पर होगा न कि निर्माण के ढंग के आधार पर।'
राजमार्ग निर्माण कंपनियों ने कहा है कि अनुषंगी उद्योग जो सड़क क्षेत्र के लिए रीढ़ की तरह हैं उन्हें भी परिचालन की अनुमति दी जाए, जिससे बाधारहित निर्माण का वातावरण तैयार हो। इन उद्योगों में, सीमेंट, स्टील, उत्खनन और भ_ी उद्योग शामिल है।
गृह मंत्रालय 20 अप्रैल से ही ग्रामीण भारत में कारोबारी गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दे चुका है।
उद्योगों के लिए अपने दिशानिर्देशों में गृह मंत्रालय ने उल्लेख किया कि राज्य के बाहर से आने वाले कामगारों के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर बिना किसी निर्भरता के विशेष परिवहन सुविधा की व्यवस्था की जाएगी। राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि निर्माण स्थल पर सभी जरूरी सावधानी बरती जानी चाहिए और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को 1,300 किलोमीटर लंबी परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए कहा है जिन्हें तुरंत आवंटित किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि 1,500 किलोमीटर की एक और सड़क परियोजना बोली के लिए तैयार है।