एमएससीआई इंडिया के कदमों से एफपीआई निवेश में होगा इजाफा | सुंदर सेतुरामन / मुंबई April 30, 2020 | | | | |
एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में होने वाले अर्धवर्षिक बदलाव के कारण देसी इक्विटी में में 25 करोड़ डॉलर यानी करीब 1,900 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है, जिस पर 14 अरब डॉलर यानी एक लाख करोड़ रुपये के फंडों की नजर रहती है। देसी ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने यह जानकारी दी। इंडेक्स के पुनर्गठन का काम 12 मई को होना है और होने वाला बदलाव एक जून से प्रभावी होगा।
ब्रोकरेज के मुताबिक, टाटा कंज्यूमर, टॉरेंट फार्मा, जुबिलैंट फूड और बायोकॉन को इसमें शामिल किया जा सकता है। इन कंपनियों के शेयरों में 5 करोड़ डॉलर से लेकर 8.5 करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है।
24 अप्रैल को 2.5 अरब डॉलर (19,000 करोड़ रुपये) के बाजार पूंजीकरण वाले देसी सूचीबद्ध शेयरों पर इस कवायद के तहत विचार किया जाएगा।
भारती इन्फ्राटेल, श्रीराम ट्रांसपोर्ट, एमऐंडएम फाइनैंशियल और टाटा पावर को एमएससीआई इंडिया इंडेक्स से बाहर निकाला जा सकता है और इसकी जानकारी एमके के विश्लेषण से मिली। इन शेयरोंं से विदेशी निवेशकों की बिकवाली 1.8 करोड़ डॉलर और 2.7 करोड़ डॉलर के बीच हो सकती है।
एमके ने कहा, भारती इन्फ्राटेल और श्रीराम ट्रांसपोर्ट को इस पुनर्गठन में बाहर निकाला जा सकता है क्योंकि उनमें विदेशी निवेश की गुंजाइश 15 फीसदी से कम है।
अगले महीने वाली बैठक में एमएससीआई भारत में विदेशी स्वामित्व की सीमा में बदलाव नहीं करेगा। भारत में विदेशी स्वामित्व की सीमा बढ़ सकती है, जिससे वैश्विक सूचकांकों में भारांक ज्यादा होगा क्योंकि सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक की निवेश सीमा को बढ़ाकर क्षेत्र विशेष की सीमा तक कर दिया है। एमएससीआई ने कहा है कि विदेशी स्वामित्व में इजाफे पर फैसला अगस्त में लिया जाएगा।
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