गैर-सूचीबद्ध एनसीडी में फंड कर सकते हैं लेन-देन | एजेंसियां / नई दिल्ली April 29, 2020 | | | | |
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि मौजूदा गैर-सूचीबद्ध गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) के लिए पुराने नियमों का लाभ बरकरार रखे जाने की प्रक्रिया (ग्रैंडफादरिंग) म्युचुअल फंड उद्योग में भी लागू है और म्युचुअल फंड ऐसे एनसीडी में लेन-देन कर सकते हैं।
नियामक ने एक परिपत्र में कहा, 'हालांकि ऐसी एनसीडी में निवेश सभी लागू निवेश प्रतिबंधों के अनुपालन के अधीन रहेगा।'
सेबी ने कहा, यह स्पष्ट किया गया है कि म्युचुअल फंड उद्योग में चिन्हित एनसीडी में पुराने नियमों को बरकरार रखा गया है, जो म्युचुअल फंड उद्योग में भी लागू है। इसके मुताबिक म्युचुअल फंड ऐसे चिन्हित एनसीडी में सौदा कर सकते हैं और 1 अक्टूबर, 2019 को सेबी के परिपत्र के पैरा बी (1) में निर्दिष्ट मानदंड लागू नहीं होंगे।
इस प्रावधान में अक्टूबर 2019 में जारी सेबी के निर्देश का संदर्भ है कि कोई म्युचुअल फंड योजना गैर-सूचीबद्ध डेट योजनाओं में निवेश नहीं करेगी, जिनमें वाणिज्यिक प्रतिभूतियां शामिल है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि सरकारी प्रतिभूतियों के अलावा अन्य मुद्रा बाजार योजनाओं, डेरिवेटिव उत्पादों मसलन ब्याज दर स्वैप, ब्याज दर वायदा में वह निवेश नहीं करेगा, जिनका इस्तेमाल म्युचुअल फंड द्वारा हेजिंग के लिए किया जाता है।
हालांकि नियामक ने म्युचुअल फंडों को चरणबद्ध तरीके से एक स्कीम के डेट पोर्टफोलियो के अधिकतम 10 फीसदी तक गैर-सूचीबद्ध एनसीडी में निवेश करने की इजाजत दी थी। 31 मार्च 2020 से सेबी ने कहा था कि गैर-सूचीबद्ध एनसीडी में अधिकतम निवेश इस योजना के डेट पोर्टफोलियो का 15 फीसदी होगा और जून 2020 से निवेश की सीमा 10 फीसदी होगी।
मंगलवार को जारी अपने परिपत्र में सेबी ने कहा कि प्राप्त अनुरोध के आधार पर, गैर-सूचीबद्ध एनसीडी में निवेश के लिए अधिकतम सीमाओं के अनुपालन की समयसीमा का विस्तार योजना के 15 फीसदी और 10 फीसदी डेट पोर्टफोलियो के लिए क्रमश: 30 सितंबर, 2020 और 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
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