पेप्सिको का तीसरा संयंत्र भी चालू | विवेट सुजन पिंटो / मुंबई April 28, 2020 | | | | |
पेप्सिको के कोलकाता संयंत्र के करीब एक सप्ताह तक बंद रहने के बाद विनिर्माण सुचारु करने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति मिल गई है। भारत में पेप्सिको का यह तीसरा संयंत्र है जिसे परिचालन शुरू करने की मंजूरी मिली है। इससे पहले पंजाब (चानो) और पुणे की इकाइयों को उत्पादन शुरू करने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। सरकार ने ग्रीन जोन और ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन संबंधी नियमों में 20 अप्रैल से ढील दी है। उसके बाद एफएमसीजी क्षेत्र में धीरे-धीरे उत्पादन सुचारु होने लगा है।
प्रमुख फूड कंपनी नेस्ले इंडिया ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसे देश में सभी विनिर्माण संयंत्रों के परिचालन के लिए अनुमति मिल गई है। इससे पहले 25 मार्च से शुरू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कंपनी ने अपने अधिकतर संयंत्रों का परिचालन तात्कालिक तौर पर निलंबित कर दिया था। अब पेप्सिको के कोलकाता संयंत्र का परिचालन सीमित संख्या में श्रमिकों के साथ शुरू किया जाएगा। इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि उत्पादन सुचारु करने के लिए आवश्यक मंजूरियां हासिल करने की जरूरत है और इसलिए उत्पादन की रफ्तार फिलहाल सुस्त रहने के आसार हैं।
पेप्सिको इंडिया के अधिकारी इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए तत्काल उपलब्ध नहीं थे।
पेप्सिको के पुणे और कोलकाता संयंत्रों में लेज, कुरकुरे और डॉरिटोस जैसे ब्रांडों का उत्पादन होता है। अमेरिका की यह दिग्गज कंपनी कई सह-पैकरों के साथ भी काम कर रही है लेकिन कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह कितने सह-पैकरों के साथ मिलकर काम कर रही है। कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसकी रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण शीतल पेय बाजार को तगड़ा झटका लगा है क्योंकि आमतौर पर घरों के बाहर इसकी अधिक खपत होती थी। हालांकि पेप्सिको अपने फूड उत्पादों (भारतीय और पश्चिमी स्नैक्स, ओट्ïस आदि) का लगातार उत्पादन कर रही है। जबकि कंपनी ने अपने बॉटलिंग कारोबार को पूरी तरह रवि जयपुरिया ग्रुप की इकाई वरुण बेवरिजेस को आउटसोर्स कर दिया है।
यह बहुराष्टï्रीय कंपनी भारत में हल्दीराम के बाद दूसरी सबसे बड़ी स्नैक्स विनिर्माता है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, पेप्सिको दक्षिण भारत की अग्रणी कंपनी है। कंपनी आलू के चिप्स जैसी श्रेणियों में हल्दीराम के मुकाबले अग्रणी स्थिति में है। लेकिन पारंपरिक स्नैक्स बाजार में हल्दीराम आगे है। इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने बताया कि पेप्सिको की चानो और पुणे की इकाइयां फिलहाल करीब 30 से 35 फीसदी कार्यबल के साथ परिचालन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इन इकाइयों में 700 से 1000 लोगों से अधिक के लिए अनुमति नहीं दी गई है। इन दोनों संयंत्रों में कर्मचारी आठ घंटे की एक ही पारी में काम कर रहे हैं।
उद्योग सूत्रों के अनुसार, पेप्सिको के इन दोनों संयंत्रों में क्षमता उपयोगिता फिलहाल 20 से 25 फीसदी के दायरे में है लेकिन कर्मचारियों के लौटने पर उसमें तेजी आएगी। उदाहरण के लिए, पारले पोडक्ट्स जैसी कंपनियों ने पिछले दो सप्ताह के दौरान करीब 70 फीसदी परिचालन जारी रखने में सफल रहीं। कंपनी के वरिष्ठï श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने यह जानकारी दी। पारले ब्रांड की 135 इकाइयों में से 10 कंपनी के स्वामित्व वाली और 125 इकाइयां सह-पैकरों के स्वामित्व वाली हैं।
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