देशबंदी खुलने पर महंगा पड़ सकता है पेट्रोल-डीजल | अरूप रायचौधरी और दिलाशा सेठ / नई दिल्ली April 27, 2020 | | | | |
राजस्व के स्रोतों में भारी कमी आने से केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर फिर से उत्पाद शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह इजाफा बृहद स्तर पर देशव्यापी लॉकडाउन हटने के बाद आर्थिक गतिविधि शुरू होने पर किया जा सकता है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'मांग में कमी के कारण हो रहे राजस्व के नुकसान को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में मामूली इजाफा किया जा सकता है। इसको लेकर चर्चाएं आंतरिक तौर पर चल रही हैं।'
एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने कहा कि चूंकि अभी बहुत कम आर्थिक गतिविधि हो रही है, ऐसे में तुरंत शुल्क में वृद्धि करना फायदेमंद नहीं होगा और इसे लॉकडाउन समाप्त होने और मांग में तेजी आने पर किया जा सकता है। उस व्यक्ति ने कहा, 'उत्पाद शुल्क में वृद्धि की अधिसूचना आर्थिक गतिविधियों के फिर से जोर पकड़ लेने के बाद जारी की जा सकती है।'
कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के बीच सरकार ने मार्च में पेट्रोल और डीजल पर भविष्य में 8 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के लिए वित्त अधिनियम में एक प्रावधान जोड़ा था। सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था, जिससे सालाना राजस्व में 39,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि होगी।
उत्पाद शुल्क में की गई 3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि में विशिष्ट अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा और सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर में 1 रुपये प्रति लीटर का इजाफा शामिल था।
इस इजाफे से विशिष्ट अतिरिक्त उत्पाद शुल्क पेट्रोल के लिए 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 4 रुपये प्रति लीटर केसीमा स्तर पर पहुंच गया। अब वित्त अधिनियम की आठवीं अनुसूची में संशोधन कर इस सीमा को बढ़ाकर पेट्रोल के लिए 18 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 12 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
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