प्रवासी श्रमिकों के लिए बनेगा पोर्टल | |
सोमेश झा / नई दिल्ली 04 27, 2020 | | | | |
केंद्र सरकार विस्थापित श्रमिकों के लिए ऑनलाइन पोर्टल पेश करने जा रही है। कोविड-19 को रोकने के लिए की गई देशबंदी के कारण प्रभावित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की मदद के लिए यह योजना बनाई गई है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय इस पोर्टल को 'नैशनल पोर्टल फॉर कोविड-19 अफेक्टेड अनआर्गेनाइज्ड माइग्रेंट वर्कर्स' नाम दे सकता है, जिसमें असंगठित क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के विस्तृत आंकड़े एकत्र किए जाएंगे, जो राहत कैंपों, आवासीय या औद्योगिक क्लस्टर में रह रहे हैं।
श्रम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर बताया, 'इस पोर्टल से सरकार को राहत लाभ विस्थापित श्रमिकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, चाहे वह नकद अंतरण का मामला हो या अन्य साधनों से लाभ पहुंचाने का।'
राज्य सरकारों से कहा जाएगा कि वह सभी विस्थापित श्रमिकों का ब्योरा इस पर अपलोड करें, जिनमें उनके आधार और बैंक खाते के बारे में जानकारी शामिल हो। उद्योग के अधिकारियों के साथ हाल में हुए संवाद के दौरान श्रम सचिव हीरालाल समारिया ने कहा था कि केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में 22 लाख विस्थापित मजदूरों का ब्योरा एकत्र किया है।
नए पोर्टल पर सभी कामगारों को अपना पंजीकरण नंबर मिलेगा और उनके गृह जनपद के ब्योरे के साथ विस्थापन के तरीके की जानकारी रहेगी। इस तरह के कामगारों के कार्यस्थल छोडऩे, विस्थापन की वजह और कोविड-10 संक्रमण की स्थिति जैसे ब्योरे होंगे।
अधिकारी ने कहा, 'कामगार खुद भी पोर्टल पर अपना पंजीकरण करने में सक्षम होंगे। हम नहीं चाहते कि इस प्रक्रिया से कोई कामगार छूटने पाए।' अधिकारी ने कहा कि उद्योगों को भी इस तरह के ब्योरे पोर्टल पर डालने की अनुमति होगी।
हर उद्योग के लिए सरकार रेड, ऑरेंज और गग्रीन जोन में रह रहे कर्मचारियों के कौशल की मैपिंग पोर्टल के माध्यम से करेगी। अधिकारी ने कहा, 'इससे उद्योग को एक औद्योगिक क्षेत्र के नजदीक रहने वाले कामगारों की स्थिति के बारे में पता चल सकेगा।'
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