किराना कारोबारियों के लिए आएगा देश का सबसे बड़ा ई-बाजार | पीरजादा अबरार और समरीन अहमद / बेंगलुरु April 24, 2020 | | | | |
कोविड-19 के बाद उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव के अनुमान के कारण ऑफलाइन रिटेल यानी खुदरा किराना कारोबार ऑनलाइन कंपनियों एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ-साथ व्यापाारिक संगठनों के लिए भी प्रतिस्पर्धा का नया क्षेत्र होगा। ये संगठन स्थानीय किराना दुकानों व कारोबारियों को ऑनलाइन जोडऩे के प्रयास में लगे हैं।
एमेजॉन, फ्लिपकार्ट-वालमार्ट और रिलायंस जियोमार्ट जहां इन अवसरों को भुनाने में लगे हैं वहीं ऑफलाइन रिटेल एसोसिएशन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) भी उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ मिलकर देश के 7 करोड़ कारोबारियों के लिए राष्ट्रीय ई-कॉमर्स बाजार तैयार करने में लगा है। सीएआईटी ने शुक्रवार को कहा कि वह विभिन्न कंपनियों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर एक ऐसी व्यवस्था विकसित कर रहा है जहां स्थानीय किराना दुकानें ऑनलाइन ऑर्डर लेने में सक्षम हो सकेंगी। ऐसा करने से दूरदराज तक निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए शीघ्र ही एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स व्यवस्था शुरू की जाएगी।
सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने बताया, 'यह दुनिया का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स पोर्टल होगा। हम एक ऐसा मजबूत पोर्टल बना रहे हैं जो निर्माता से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक किफायती आपूर्ति और डिजिटल भुगतान दोनों ही सुनिश्चित करे।'
डीपीआईआईटी और सीएआईटी के अलावा इसके ई-कॉमर्स पोर्टल के प्रवर्तकों में स्टार्ट अप इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया, अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरण महासंघ और अवाना कैपिटल शामिल हैं।
हालांकि ई-कॉमर्स उद्योग के जानकार इसे चुनौती नहीं मानते। उन्हें लगता है कि एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियां किराना कारोबारियों को लुभाने और उन्हें डिजिटल तकनीक से जोडऩे की बेहतर स्थिति में हैं।
अधिकांश ई-कॉमर्स कंपनियों ने किराना और ऑफलाइन स्टोर को अपने साथ जोडऩे की पहल शुरू भी कर दी है। मसलन फ्लिपकार्ट ने किराना और जनरल स्टोर्स के साथ साझेदारी की घोषणा भी कर दी है। उसके साथ 37,000 किराना कारोबार जुड़े हैं। इनमें से 12,000 अधिकृत खरीद क्षेत्र और करीब 25,000 दूरदराज की आपूर्ति से जुड़े हैं। इनमें बेकरी, दवा दुकान, मोबाइल रीचार्ज, इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान आदि शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के बाद उपभोक्ताओं की आदत में बदलाव आएगा और लोग भीड़ भरी दुकानों पर जाकर रोजमर्रा की चीजें खरीदने से परहेज करेंगे। बिगबास्केट के सीईओ और सह-संस्थापक हरि मेनन ने गुरुवार को कहा था, 'कोविड के बाद ज्यादा लोग ऑनलाइन खरीदारी करेंगे।'
एमेजॉन भी हजारों किराना दुकानों को अपने साथ जोडऩे पर काम कर रही है। वह अब तक 100 से अधिक शहरों में 5,000 खुदरा कारोबारियों को अपने साथ जोड़ चुकी है। रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म की ई-कॉमर्स कंपनी जियोमार्ट भी किराना दुकानदारों को अपने साथ जोड़ रही है। फेसबुक के निवेश के बाद इसके और गति पकडऩे की आशा है।
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