एचयूएल का मूल्यांकन प्रीमियम रिकॉर्ड ऊंचाई पर | |
कृष्णकांत / मुंबई 04 23, 2020 | | | | |
शेयर बाजार के निवेशकों ने हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के मूल्यांकन प्रीमियम को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। इस एफएमसीजी कंपनी का प्राइस टु अर्निंग (पी/ई) गुणक उद्योग के प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले करीब दोगुना हो चुका है जो पिछले 17 वर्षों की रिकॉर्ड ऊंचाई है।
एचयूएल 5.18 लाख करोड़ रुपये के अपने मौजूदा बाजार पूंजीकरण पर पिछले 12 महीनों के शुद्ध लाभ के मुकाबले करीब 77 गुना मूल्य पर जबकि उद्योग के औसत पी/ई के मुकाबले 43 गुना पर मौजूद है। करीब 3,300 आधार अंकों पर उसका मूल्यांकन प्रीमियम करीब 570 आधार अंकों के उसके ऐतिहासिक औसत के मुकाबले करीब 6 गुना अधिक है।
बिजनेस स्टैंडर्ड का विश्लेषण वित्त वर्ष के अंत और राजस्व के लिहाज से शीर्ष 20 उपभोक्ता वस्तु कंपनियों के मौजूदा पी/ई गुणक पर आधारित है। इस नमूने में एचयूएल के अलावा आईटीसी, नेस्ले, एशियन पेंट्ïस, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्ïस, मैरिको, डाबर इंडिया, कोलेगेट पामोलिव, पीऐंडजी हाइजीन, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, टाटा कंज्यूमर, बर्जर पेंट्ïस, इमामी और जिलेट इंडिया शामिल हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि नोटबंदी के बाद की अवधि में एचयूएल का प्रीमियम मूल्यांकन में उसकी आय वृद्धि के मुकाबले बेहतर रही और उसकी पूंजी कुशलता भी बेहतर रही। सिस्टेमैटिक्स ग्रुप के प्रमुख (अनुसंधान) धनंजय सिन्हा ने कहा, 'एचयूएल के परिचालन लाभ और शुद्ध मुनाफे में नोटबंदी के बाद दो अंकों में वृद्धि दर्ज की गई। इससे वह भारत के उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र में निवेशकों की पहली प्राथमिकता बन गई।' उदाहरण के लिए, पिछले तीन वर्षों के दौरान एचयूएल के शुद्ध लाभ में 5.7 फीसदी सीएजीआर के साथ वृद्धि हुई जो उद्योग की एकीकृत शुद्ध बिक्री में हुई वृद्धि के अनुरूप है। इस अवधि के दौरान एचयूएल के शुद्ध लाभ में वार्षिक वृद्धि 14.7 फीसदी पर उद्योग के एकीकृत शुद्ध लाभ में 12.7 फीसदी की वार्षिक वृद्धि से 200 आधार अंक अधिक है। इसके अलावा कंपनी ने परिचालन लाभ के मोर्चे पर भी उद्योग से बेहतर प्रदर्शन किया। पिछले तीन वर्षों के दौरान एचयूएल के परिचालन लाभ में 13.8 फीसदी की सीएजीआर से वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2017 में उसका परिचालन लाभ 6,934 करोड़ रुपये था जो बढ़कर दिसंबर 2019 में समाप्त 12 महीनों में 10,231 करोड़ रुपये हो गया। इसी अवधि के दौरान उद्योग के एकीकृत परिचालन लाभ में 8.8 सीएजीआर की वृद्धि हुई।
जानकारों का कहना है कि दमदार मूल्यांकन के कारण कंपनी बाजार में अग्रणी बरकरा रही। इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी सर्विसेज के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, 'लॉकडाउन से पहले एचयूएल को एफएमसीजी क्षेत्र में अग्रणी होने का खिताब दिया गया था। लेकिन इस वायरस के प्रकोप के बाद निवेशकों इसे एक ऐसी कंपनी के तौर पर देखा जो लॉकडाउन के बावजूद लगातार वृद्धि कर सकती है क्योंकि साबुन, साफ-सफाई एवं स्वच्छता उत्पाद जैसी आवश्यक वस्तुओं की श्रेणियों में यह अग्रणी है।' उन्होंने उम्मीद जताई कि व्यापक बाजार के सामान्य होने पर इस शेयर में नरमी आएगी जिससे बैंक, एनबीएफसी के साथ-साथ धातु एवं खनन कंपनियों जैसे चक्रीय क्षेत्रों के राजस्व एवं आय में वृद्धि होगी।
एचयूएल के मूल्यांकन को उद्योग में उसके दमदार वित्तीय अनुपात से भी बल मिला है। उदाहरण के लिए, 86 फीसदी पर एचयूएल कार रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) उसके प्रतिस्पर्धी समूहों और देश की शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों में सबसे अच्छा रहा है। इसके मुकाबले उद्योग का औसत आरओई दिसंबर 2019 में समाप्त वर्ष के दौरान महज 30 फीसदी रहा। एचयूएल का परिसंपत्ति पर रिटर्न 65 फीसदी पर उद्योग के औसत (25 फीसदी) के मुकाबले करीब ढाई गुना अधिक रहा है।
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