इंडिगो ने वेतन कटौती का फैसला वापस लिया | |
अरिंदम मजूमदार / नई दिल्ली 04 23, 2020 | | | | |
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का फैसला वापस ले लिया है। इंडिगो के मुख्य कार्याधिकारी रणजय दत्ता ने आज सुबह कर्मचारियों को लिखा कि लॉकडाउन के दौरान वेतन में कटौती नहीं करने की सरकार की इच्छा का सम्मान करते हुए हमने पूर्व घोषित अप्रैल महीने के दौरान वेतन कटौती लागू नहीं करने का फैसला किया है।
कार्यकारी समिति के सदस्यों और वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा इससे ऊपर के अधिकारियों को छोड़कर, आप सभी अप्रैल का अपना वेतन बिना कटौती के, समय पर भुगतान किए जाने की उम्मीद कर सकते हैं। कार्यकारी समिति में मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ), मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ), मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मानव संसाधन प्रमुख और कंपनी के अध्यक्ष शामिल हैं।
देश में 47 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो ने 19 मार्च को पायलट और चालक दल सहित पूरे बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने की घोषणा की थी। मुख्य कार्याधिकारी दत्ता ने कहा था कि एयरलाइन उद्योग का अस्तित्व दांव पर है। उस योजना के अनुसार आठ वरिष्ठ उपाध्यक्षों के वेतन में 20 प्रतिशत कटौती होनी थी, जबकि उपाध्यक्ष और पायलटों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की जानी थी। वरिष्ठ प्रबंधन के लिए कटौती जारी रहेगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग के प्रमुखों से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन की अवधि में वेतन कटौती या कर्मचारियों को नौकरी से न निकाला जाए। उनके इस संदेश को श्रम मंत्रालय के एक दिशानिर्देश में भी दोहराया गया था। लेकिन इसके बावजूद कंपनियों को वेतन में कटौती करने और कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजने के लिए विवश होना पड़ा है क्योंकि जमीन पर खड़े विमानों का राजस्व तो रुक चुका है, लेकिन एयरलाइनों के पट्टे के किराए और वेतन जैसी स्थायी लागत में लगातार इजाफा हो रहा है। हालात बद से बदतर हो चुके हैं क्योंकि सरकार ने राजस्व का आखिरी स्रोत भी छीनते हुए एयरलाइनों को भावी बुकिंग रोकने के लिए विवश कर दिया है।
वाडिया-समूह के स्वामित्व वाली गो एयर जैसी एयरलाइन ने औसतन 20 प्रतिशत वेतन कटौती की घोषणा किए जाने के बावजूद लॉकडाउन की पूरी अवधि में अपने 90 प्रतिशत कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेज दिया है। अजय सिंह के स्वामित्व वाली स्पाइसजेट ने केबिन क्रू के एक बड़े हिस्से को तीन महीने बिना वेतन छुट्टी पर भेज दिया है और वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की है। सिंह ने हाल ही में टेलीविजन के एक साक्षात्कार में कहा था कि हमारे कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा बिना वेतन छुट्टी पर है।
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