पट्टा फर्मों से मोहलत मांग रहीं विमानन कंपनियां | |
अनीश फडणीस और अरिंदम मजूमदार / मुंबई/नई दिल्ली 04 21, 2020 | | | | |
घरेलू एयरलाइंस छह महीने तक पट्टे का किराया मुल्तवी करने और दरों में कमी करने की मांग कर रही हैं, लेकिन पट्टादाताओं की ओर से उनकी आर्थिक हालत और वाणिज्यिक संबंधों के मद्देनजर सीमित राहत मिलने की ही संभावना है। विमानन कंपनियों के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
पट्टे पर विमान देने वाली बीओसी एविएशन ने एक बयान में कहा कि है कि हम अलग-अलग मामलों के आधार पर चुनिंदा एयरलाइनों के साथ इस अवधि के दौरान उनकी मदद के लिए मुल्तवी पैकेज पर काम कर रहे हैं। हम तीन महीने तक किराए में 50 प्रतिशत तक की कटौती की पेशकश कर रहे हैं जिसका भुगतान 2020 की दूसरी छमाही में किया जाना है।
बीओसी एविएशन ने कहा कि वह शीर्ष स्तर की एयरलाइनों को तरलता उपलब्ध कराते हुए उनके साथ खरीद और पट्टा वापसी की सौदेबाजी को भी अंजाम दे रही है, लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के बाद से किसी भारतीय एयरलाइंस के साथ ऐसा कोई सौदा पूरा नहीं किया गया है। भारत में बीओसी एविएशन के ग्राहकों में गोएयर, इंडिगो, स्पाइसजेट और विस्तारा शामिल हैं। इस संबंध में जीई कैपिटल एविएशन सर्विसेज ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
किसी एयरलाइन के कुल खर्च में विमान पट्टे का किराया लगभग 15 प्रतिशत रहता है और चूंकि इसका भुगतान डॉलर में किया जाता है इसलिए इस पर मुद्रा में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी असर पड़ता है। वेतन की तरह पट्टे का किराया भी एक स्थायी लागत होती है और एयरलाइंस अपनी लागत में कमी करने के लिए किराया मुल्तवी करने और इसमें छूट दिए जाने को लेकर बातचीत कर रही हैं।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने बताया कि हम पट्टादाताओं के साथ किराये में छूट और पट्टा अनुबंध आगे खिसकाने की बात कर रहे हैं। फिलहाल दुनिया भर में पट्टादाता रियायत देने के लिए तैयार हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर विमानों की बहुत कम मांग है और तकरीबन सभी एयरलाइंस इसी तरह की रियायतों की मांग कर रही हैं।
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