समय पर हासिल कर लेंगे राजमार्गों के निर्माण का लक्ष्य | |
मेघा मनचंदा / 04 21, 2020 | | | | |
बीएस बातचीत
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने कुछ क्षेत्रों को काम शुरू करने की छूट दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मेघा मनचंदा से कहा कि उन्हें अब भी पूरा विश्वास है कि राजमार्ग निर्माण के लक्ष्य तय समय पर पूरे होंगे। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
सरकार ने ऐसे इलाकों में राजमार्ग निर्माण का काम शुरू करने की अनुमति दी है जहां कोविड-19 का कोई मामला नहीं है या बहुत कम मामले हैं। परेशानी से जूझ रहे प्रवासी कामगारों की सुरक्षा, सामाजिक दूरी, भोजन और उनके ठहरने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?
मैंने और मेरे मंत्रालय ने समय-समय पर साफ किया है कि परियोजना स्थलों और दूसरे सभी स्थानों पर सभी के लिए एहतियाती उपाय करने की जरूरत है।
निर्माण कार्य शुरू होने पर किन परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी?
मैंने सड़क मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को मंजूरी और डेस्क से जुड़े दूसरे काम पूरे करने को कहा है। 1300 किमी से अधिक लंबी सड़कों के निर्माण के लिए निविदाओं का मूल्यांकन हो रहा है जिनका ठेका तुरंत दिया जा सकता है। इसी तरह 1500 किमी सड़कें निविदा के लिए तैयार हैं। मुझे नहीं लगता है कि हमारे लक्ष्य में कोई कमी आएगी।
समय की कमी को पूरा करने के लिए मजदूरों से अतिरिक्त काम कराया जाएगा? अगर ऐसा होता है तो उन्हें अतिरिक्त काम के लिए भुगतान कैसे किया जाएगा?
अतिरिक्त काम के निर्धारण का मामला हमारे मंत्रालय के अधीन नहीं आता है। मंत्रालय को उम्मीद है कि इस मामले में हर कोई कानून का पालन करेगा। ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों को इसके मुताबिक काम करना होगा और सामाजिक दूरी तथा अन्य सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। जहां तक मंत्रालय का सवाल है तो हम अपने अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने को कह रहे हैं और अगर कोई समस्या आती है तो वे इस बारे में हमें बताएंगे।
20 अप्रैल से बाद मिली छूट को देखते हुए क्या आपने उन परियोजनाओं का खाका तैयार किया है जिन पर काम शुरू होगा?
हमारे पास राष्ट्रीय महत्त्व की कई परियोजनाएं हैं और इन पर तुरंत काम शुरू करना बेहद जरूरी है। लेकिन हम इस महामारी की गंभीरता को समझते हैं। मैंने राजमार्ग क्षेत्र के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेेंसिंग के जरिये इस स्थिति की समीक्षा की है। हम काम जारी रखने की योजना पर काम कर रहे हैं। हम सामाजिक दूरी, साफ सफाई और सुरक्षा के दिशानिर्देशों के मुताबिक काम शुरू करना चाहते हैं।
जिन राज्यों में काम शुरू हो चुका है, क्या उन राज्यों के अलावा भी किसी राज्य ने अपने यहां काम शुरू करने का अनुरोध किया है?
जहां तक देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ी निर्माण गतिविधियों का संबंध है तो हमने केवल ग्रामीण इलाकों में ही काम शुरू करने की इजाजत दी है जो इलाके शहरों की सीमा से बाहर हैं। नगर निकायों में केवल उन्हीं स्थानों पर काम शुरू किया जाएगा जहां कामगार उपलब्ध हैं और बाहर से कोई मजदूर लाने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय के अधिकारी और एनएचएआई और राज्यों के लोक निर्माण विभाग जैसी कार्यदायी संस्थाएं जल्दी से जल्दी काम शुरू करने के लिए जरूरी अनुमति लेने के वास्ते स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कुछ राज्यों में राज्य पीडब्ल्यूडी ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर काम शुरू करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति ली है। इनमें मध्य प्रदेश, असम, गुजरात और नगालैंड शामिल हैं।
सरकार द्वारा घोषित नई राजमार्ग परियोजनाओं और सड़क मुद्रीकरण का क्या हुआ?
भारतमाला परियोजना के तहत नए प्रोजेक्ट बिना किसी देरी के शुरू किए जाएंगे। डीपीआर पर चल रहे काम पर भी नजर रखी जा रही है। हम चाहते हैं कि हमारे अधिकारी जल्दी से जल्दी फैसले लें क्योंकि लॉकडाउन के कारण पहले ही देर हो चुकी है। जहां तक परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण का सवाल है तो यह पैसा जुटाने का एक जरिया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह बहुत अच्छा काम करेगा। लेकिन साथ ही हम दूसरी संभावनाएं भी तलाशना जारी रखेंगे जैसे दीर्घकालिक ऋण, बॉन्ड आदि। हमें वित्तपोषण के कुछ नए और अनोखे तरीके भी सोचने होंगे। हमने पहले भी ऐसा किया है और मुझे विश्वास है कि हम आगे भी इसमें कामयाब रहेंगे।
क्या सड़क मंत्रालय वित्त वर्ष 2021 के लिए राजमार्ग निर्माण का लक्ष्य संशोधित करेगा?
हम पर कोविड-19 की मार पड़ी है लेकिन हम पिछले वर्ष की निरंतरता को जारी रखना चाहते हैं और इस वित्त वर्ष के लिए सड़क निर्माण का हमारा लक्ष्य पिछली बार से थोड़ा अधिक है। इस वर्ष हमने 10,250 किमी सड़क बनाने और 12,650 किमी नई सड़कों को ठेका देने का लक्ष्य रखा है।
कोविड-19 संकट का सड़क क्षेत्र पर क्या आर्थिक असर होगा?
कोविड-19 संकट के कारण लॉकडाउन करना पड़ा और भारत सहित दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं। यह जरूरी है कि देरी किए बिना आर्थिक गतिविधियों को फिर से पटरी पर लाया जाए। बुनियादी क्षेत्र और खासकर सड़क क्षेत्र का अर्थव्यवस्था पर बहुत प्रभाव पड़ता है। कोविड-19 के कारण खासकर परियोजनाओं में देरी से चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हुई है। लेकिन हम भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके कम से कम असर के लिए हरसंभव उपाय करेंगे। इनमें निर्माण गतिविधियों में तेजी के लिए तकनीक का इस्तेमालए तेजी से निर्णय लेना और अतिरिक्त संसाधन झोंकना शामिल है। इस तरह हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं और इस तरह जीडीपी में किसी भी संभावित गिरावट को रोक सकते हैं और देश के विकास में योगदान कर सकते हैं।
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