शराब और ईंधन पर कर बढ़ाने पर पंजाब सरकार करेगी विचार | |
दिलाशा सेठ / 04 19, 2020 | | | | |
बीएस बातचीत
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि कोरोनावायरस से निपटने के लिए पंजाब केंद्र सरकार की हर संभव मदद करेगा। दिलाशा सेठ के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि वह वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) मुआवजा शुल्क के भुगतान को लेकर केंद्र की विवशता समझते हैं, लेकिन उन्होंने 2,100 करोड़ रुपये जीएसटी बकाये के भुगतान की मांग की। राजस्व खत्म हो रहा है, ऐसे में उन्होंने कहा कि राज्य ने 1 अगस्त तक पूंजीगत व्यय पूरी तरह रोक देने का फैसला किया है। संपादित अंश...
पंजाब कोविड-19 से कैसे निपट रहा है? क्या आप वेतन और पेंशन भुगतान टाल रहे हैं?
पंजाब में बड़े पैमाने पर प्रवासी हैं। इसकी वजह से देश में लॉकडाउन के 20 दिन पहले से यहां बंदी चल रही है। इसकी वजह से पेट्रोल व डीजल की बिक्री बंद है। शराब, संपत्तियों की बिक्री और जीएसटी से भी राजस्व नहीं आ रहा है। इसके बावजूद सरकार ने पूरे वेतन का भुगतान करने का फैसला किया है। अब हम विचार करेंगे कि आगे कैसे इंतजाम किए जाएं। हमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 150 करोड़ रुपये की जरूरत है।
राजस्व नहीं आ रहा है, ऐसे में वित्त का प्रबंधन कैसे करेंगे? खर्च में कहां कटौती करेंगे?
हमने संसाधन संरक्षित करने के लिए अधिसूचना जारी की है। हमने 1 अगस्त तक रेलवे पुल, अस्पताल जैसी चीजों पर पूंजीगत व्यय रोकने का फैसला किया है।
क्या पंजाब पेट्रोल, डीजल व शराब पर शुल्क बढ़ाएगा?
हम इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। जो भी संभव होगा, हम करेंगे। बहरहाल अभी राजस्व बढ़ाने का विकल्प नहीं है, खर्च में कटौती करने का विकल्प है। हमने सभी मंत्रालयों से पूछा है कि वे खर्च में कितनी कटौती कर सकते हैं।
क्या केंद्र ने जीएसटी बकाये के भुगतान पर जवाब दिया है?
हमने केंद्र से तत्काल 2,100 करोड़ रुपये जीएसटी बकाये का भुगतान करने को कहा है। इसमें आधार वर्ष को लेकर विवाद था और नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने बाद में हमारी गणना से सहमति जताई है। मुआवजे के मामले में केंद्र जैसा वर्ताव अन्य राज्यों के साथ कर रहा है, वैसा ही हमारे साथ भी कर रहा है। सीतारमण जिन चुनौतियों का सामना कर रही हैं, वह हम समझते हैं। वह बहुत अभाव में हैं। सभी राज्यों से तुलना करें तो जीएसटी के मामले में पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। हमारे लिए मुआवजा अहम है।
केंद्र के साथ बातचीत में आपने क्या कहा है?
हमने केंद्र से राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत हमारी सीमा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 से 5 प्रतिशत करने को कहा है। चिंता यह है कि क्या हमारे वित्तीय संस्थान व बैंक यह बोझ सह सकते हैं।
टेस्टिंग किट की कमी जैसी समस्याओं से राज्य किस तरह निपट रहा है?
हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली अच्छी है, लेकिन हमें आपातकालीन खरीद का प्रबंधन करने की जरूरत है। टेस्टिंग किट की कमी है, ऐसे में हमने केंद्र से इसकी मांग की है। हमने खरीद समिति बनाई है। यह कहना सही होगा कि जब आग लगी हो तो मश्कों के रेट नहीं पूछे जाते।
केंद्र ने राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन फंड जारी किया है, क्या इससे मदद मिलेगी?
पंजाब के लोगों में बहुत जोश है। मैं बठिंडा विधानसभा का प्रभारी हूं, वहां लोग बहुत दान कर रहे हैं। दरअसल लोग खुद रास्ता चुन रहे हैं। यहां भुखमरी जैसा कुछ नहीं है। हाल में मैंने देखा कि लोग पनीर की प्राथमिकता छोड़कर छोले अपना रहे हैं। हमने केंद्र का एक रुपया नहीं छुआ है।
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