म्युचुअल फंडों की नकदी 6 महीने की ऊंचाई पर | |
जश कृपलानी / मुंबई 04 19, 2020 | | | | |
बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण ताजा निवेशक को लेकर असमंजस में दिख रहे हैं और ऐसे में उनका नकदी भंडार बढ़ रहा है। उद्योग के आकलन के अनुसार मार्च में कई इक्विटी फंड का नकदी स्तर 10 से 30 फीसदी तक बढ़ गया। समेकित आधार पर 31 मार्च 2020 तक लार्ज कैप फंडों के 1.15 लाख करोड़ रुपये के परिसंपत्ति आधार में से 5.7 फीसदी नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्तियां थीं। नकदी का स्तर फरवरी में 4.1 फीसदी था जिसमें 160 आधार अंकों की वृद्धि हुई है।
लार्जकैप और मिडकैप फंडों के नकदी स्तर पर में 130 आधार अंकों की वृद्धि हुई है। मार्च के अंत में 42,984 करोड़ रुपये के परिसंपत्ति आधार में से 3.7 फीसदी नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्तियां थीं। उद्योग के जानकारों का कहना है कि यदि बाजार में आगे भारी गिरावट के बजाय काफी उछाल आता है तो बड़े पैमाने पर कैश कॉल लेने से भी इक्विटी योजनाओं के कमजोर प्रदर्शन का जोखिम रहेगा।
एक फंड हाउस के वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'बाजार में आगे यदि काफी सुधार होता है तो इन फंडों को कम मूल्य पर निवेश करने से फायदा होगा लेकिन यदि बाजार में भारी गिरावट आई और रिटर्न को नुकसान हुआ तो यही रणनीति उलटा पड़ सकती है।'
समेकित स्तर पर उद्योग में करीब 5.79 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी परिसंपत्ति मौजूद है जिसमें से 28,882 करोड़ रुपये नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्तियां हैं। इससे पता चलता है कि नकदी का स्तर 5 फीसदी है जो फरवरी के 4.7 फीसदी से अधिक है। संयोग से नकदी का यह प्रतिशत पिछले छह महीने में सर्वाधिक है।
उद्योग के आकलन के अनुसार, लार्जकैप, मल्टीकैप और मिडकैप में कई योजनाएं 15 से 30 फीसदी के बीच नकदी भंडार पर बैठी हैं। एक फंड मैनेजर ने कहा, 'हालांकि स्मॉलकैप फंड में व्यक्तिगत तौर पर कुछ योजनाओं की नकदी की स्थिति काफी अधिक है, लेकिन कई फंडों ने कैश कॉल नहीं लिया है क्योंकि नए निवेशकों का प्रवाह पहले से ही कमजोर रहा है अथवा लोकप्रिय योजनाओं में सब्सक्रिप्शन को निलंबित कर दिया गया है।'
कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच बाजार में भारी उतार-चढ़ाव बढऩे के कारण बाजार काफी प्रभावित हुआ है। मार्च में बेंचमार्क निफ्टी करीब 30 फीसदी की गिरावट के साथ 7,801 अंक के निचले स्तर पर आ गया। हालांकि निफ्टी में इस स्तर से कुछ सुधार भी दिखा और उसमें करीब 15 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
म्युचुअल फंड बाजार पर नजर रखने वाली फर्म वैल्यू रिसर्च के मुख्य कार्याधिकारी धीरेंद्र कुमार ने कहा, 'फंड मैनेजर रिटर्न को युक्तिसंगत बनाने के लिए रणनीतिक रूप से कैश कॉल लेते हैं और कभी-कभी यह काम नहीं करता है। कुछ लोगों का कहना है कि फंड मैनेजरों के लिए कैश कॉल लेना समझदारी नहीं हो सकती क्योंकि निवेशक उन्हें निवेश करने के लिए नकदी देते हैं।'
उन्होंने कहा, 'फंड मैनेजरों को इस प्रकार की रणनीति के साथ पकड़ा जा सकता है क्योंकि पिछले अनुभवों से पता चलता है कि बाजार की थाह पाना कठिन है और उतार-चढाव वाले माहौल में निवेश की रकम और मार्केट रिवर्सल भी कमजोर प्रदर्शन का कारण बन सकता है।'
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