एफएमसीजी: कच्चे माल की कमी | |
अभिषेक रक्षित / कोलकाता 04 19, 2020 | | | | |
सरकार ने लॉकडाउन के दौरान वस्तुओं की आवाजही सुनिश्चित करने के लिए देश के प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खुले रखने की अनुमति दी है लेकिन आयातित कच्चे माल की फैक्टरियों में सीमित आपूर्ति होने के कारण रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं (एफएमसीजी) का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इससे एफएमसीजी कंपनियों की चिंता बढ़ गई है।
उदाहरण के लिए, आईटीसी ने अपना परिचालन घटा दिया है और अब वह खाद्य एवं स्वच्छता उत्पादों जैसे आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन एवं आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसी प्रकार हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) की बिक्री सामान्य दिनों के मुकाबले घटकर महज 40 फीसदी रह गई है। हालांकि मार्च के पिछले सप्ताह के मुकाबले उसमें एकल अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। एचयूएल की फैक्टरियां 40 फीसदी उत्पादन क्षमता पर काम कर रही हैं।
एचयूएल के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डïों पर सीमित परिचालन होने के कारण हम आयातित वस्तुओं की किल्लत का सामना कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास उसका कोई स्थानीय विकल्प नहीं है। हम सरकार और स्थानीय निकायों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इस कठिन समय में हमारे देश के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की लगातार और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित किया जा सके।'
डाबर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (परिचालन) शाहरुख खान ने इस समाचार पत्र से कहा, 'हम बंदरगाहों पर समस्याओं से जूझ रहे हैं जिससे आयातित कच्चे माल की आवाजाही और तैयार उत्पादों का निर्यात को नुकसान हो रहा है। आयातित माल और उसकी आवाजाही के लिए मंजूरी की स्थिति अभी भी काफी सुस्त है।'
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के रूप में चर्चित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा कार्गो हैंडलिंग क्षमता लगभग 70 फीसदी है और फार्मास्युटिकल्स, खाद्य तेल, पेट्रोलियम एवं रसोई गैस (एलपीजी), कोकिंग कोल और सैनिटाइजर बनाने के लिए कच्चे माल को मंजूरी के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के एक अधिकारी ने इस समाचार पत्र से कहा, 'बुनियादी समस्या श्रम बल उपलब्धता की है। हैंडलिंग एजेंट परिवहन के लिए श्रमिकों की व्यवस्था करने और सामाजिक दूरी संबंधी मानदंडों को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इन दिनों वाहनों की उपलब्धता काफी सीमित हो गई है।' भारत का मात्रा के लिहाज से करीब 90 फीसदी और मूल्य के लिहाज से करीब 70 फीसदी व्यापार समुद्री मार्गों से होता है।
केयर रेटिंग्स ने कहा कि मार्च 2020 में बंदरगाहों के जरिये होने वाले व्यापार की मात्रा घटकर 631.71 लाख टन रह गया जो पिछले साल की समान महीने में 644.69 लाख टन कार्गो रहा था। इस बाबत जानकारी के लिए नेस्ले, मैरिको और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्ïस को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। दूसरी ओर, बंदरगाह के अधिकारियों ने चिंता जताई है कि माल को उतारने में अधिक समय लगने से बंदरगाह पर भीड़भाड़ की समस्या बढ़ सकती है।
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