कोविड संक्रमण बढऩे की दर में 40 फीसदी की कमी | रुचिका चित्रवंशी / नई दिल्ली April 17, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस संकट से आए भूचाल के बीच एक अच्छी खबर आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के अनुसार देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद देश में कोविड-19 संक्रमण के पुष्टï मामलों के बढऩे की दर 40 प्रतिशत कम हुई है। मंत्रालय ने कोविड-19 पर नियमित संवाददाता सम्मेलन में आज यह जानकारी दी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में इस महामारी के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 13,835 हो गई है और 452 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
देश में 15 मार्च से 31 मार्च के बीच देश में कोविड-19 मामलों की संख्या में रोजाना औसत 2 प्रतिशत इजाफा हुआ था। लॉकडाउन के बाद पिछले दो सप्ताहों में ऐसे मामलों की दर कम होकर 1.2 प्रतिशत रोजाना रह गई। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'मामले बढऩे की दर धीमी पडऩे से संकेत मिलता है कि हम जमीनी स्तर पर इस महामारी से मुस्तैदी से निपट रहे हैं। लोगों में कोविड-19 संक्रमण की जांच बढ़ाने के बाद ये नतीजे आए हैं। इस दौरान उन लोगों के भी नमूने लिए गए हैं, जो सांस की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।'
भारत में अब तक 3,19,400 लोगों की जांच की गई है। गुरुवार को 28,340 लोगों के नमूने लिए गए थे। अग्रवाल ने कहा कि भारत 10 लाख टेस्ट किट और 10 लाख रैपिड डिटेक्शन किट तैयार करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रहा है।
पिछले सात दिनों के दौरान कोविड-19 मामले दोगुने होने में औसतन करीब 6.2 दिन लगे हैं, जबकि लॉकडाउन से पहले 3 दिनों में ही मामले दोगुने हो रहे थे। महामारी विशेषज्ञ जयप्रकाश मुलियिल ने कहा,'लॉकडाउन जारी रहने पर मामलों में और कमी आएगी, लेकिन इसके लिए सरकार को समयसीमा तय किए बगैर मौजूदा रणनीति जारी रखनी होगी। लॉकडाउन उठने के बाद संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं और उनसे निपटने की तैयारी हमें इसी समय करनी चाहिए।'
देश के 19 राज्यों में कोविड-19 संक्रमण दोगुना होने की दर राष्टï्रीय औसत से कम रही है।
इन राज्यों में दिल्ली, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्य शामिल हैं। पिछले एक दिन में 1,007 नए मामले सामने आए हैं और 23 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने आंकड़ों में कहा है कि अब तक कुल मरीजों में 13 प्रतिशत ठीक हो चुके हैं। अग्रवाल ने कहा कि ठीक हुए लोगों और मौत के मामलों के अनुपात से पता चलता है कि 20 प्रतिशत मरीजों की मौत हो रही है, जबकि 80 प्रतिशत की सेहत में सुधार हो रहा है। उन्होंने इस मामले में भारत का औसत वैश्विक औसत से बेहतर है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 से मौत के कई मामले दर्ज नहीं हो रहे हैं या समय पर ऐसे मामलों की जांच नहीं हो रही है। मुलियिल ने कहा,'सूचना तंत्रों के अभाव के कारण कई गरीब देशों से मौत के सही आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं।' इस बीच, भारतीय चिकित्सा शोध परिषद ने तीन तरह के कोरोनावायरस पाए हैं और उनकी जीन संरचना में कोई बदलाव नहीं दिखा है। आईसीएमआर में मुख्य वैज्ञानिक रमण आर गंगाखेडकर ने कहा, 'वायरस के डीएनए में तेजी से बदलाव नहीं होता है। अगर बदलाव आता है तो हम अपनी तकनीक उस हिसाब से विकसित कर लेंगे।'
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