आर्थिक पैकेज की तैयारी करे सरकार | अर्चिस मोहन / April 16, 2020 | | | | |
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सरकार से कहा कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद के हालात को संभालने के लिए एक व्यापक आर्थिक पैकेज देने की तैयारी होनी चाहिए क्योंकि बड़ी तादाद में बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सरकार की प्राथमिकता लोगों को वायरस से बचाने और उन्हें खाद्य सुरक्षा देने की है ऐसे में गोदामों में पड़े अनाज के पर्याप्त भंडार का वितरण करना चाहिए। राहुल का कहना था कि इसके अलावा ऐसी रणनीतिक योजना लागू करनी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन और आर्थिक मंदी से देश की अर्थव्यवस्था पर बेहद बुरा असर न पड़े।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोनावायरस की जांच बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। कुछ इलाकों में चिकित्सा टीम पर हमले के सवाल पर राहुल ने कहा कि जांच से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा।
राहुल ने आर्थिक मंदी और लॉकडाउन की वजह से जूझ रहे देश के कॉरपोरेट समूहों और उद्योगों की सुरक्षा के लिए एक 'सुरक्षात्मक पैकेज' की मांग की क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर होने की स्थिति में विदेशी कंपनियां इनका अधिग्रहण करने की कोशिश कर सकती हैं। उन्होंने लघु एवं मझोले उद्यमों की सुरक्षा के लिए भी पैकेज का सुझाव दिया जो संगठित क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरी देती हैं।
कांग्रेस नेता ने 12 फरवरी को सबसे पहले कोविड-19 का सामना करने के लिए तैयारी करने की जरूरत पर बात की थी और उसके बाद से ही वे लगातार इन चुनौतियां का सामना करने के लिए देर से कदम उठाने के लिए केंद्र की कमियों की ओर इशारा करते रहे हैं। हालांकि 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद पहली बार राहुल ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं से बात की। राहुल ने कहा कि वह आलोचना नहीं बल्कि रचनात्मक सुझाव देना चाहते हैं। उन्होंने क्षेत्रों को सुरक्षित और संवेदनशील श्रेणी में बांटने पर जोर देते हुए कहा कि जांच का स्तर बढ़ाकर ही हम वायरस की गति का अंदादजा लगाते हुए आगे की तैयारी कर सकते हैं।
राहुल ने कोविड-19 पर जीत की घोषणा करने से सतर्क रहने की हिदायत देते हुए कहा कि लॉकडाउन वायरस का कोई रामबाण इलाज नहीं है बल्कि यह महज एक 'पॉज बटन' की तरह है और जब लॉकडाउन हटा भी लिया जाए तब भी वायरस फिर आ सकता है इसलिए जांच पर जोर देना जरूरी है। राहुल ने कहा कि वायरस से लडऩे के लिए मुख्य ताकत राज्य और जिला स्तर पर है ऐसे में इस वक्त के रणनीतिक फैसले में विकेंद्रीकरण जरूरी है। उन्होंने राज्यों को ज्यादा सशक्त बनाने के लिए राज्यों में ज्यादा पैसा पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि कोविड के खिलाफ लड़ाई टॉप-डाउन (ऊ पर से नीचे) न होकर बॉटम-अप (नीचे से ऊ पर) हो।
तबलीगी जमात की आलोचना और अल्पसंख्यकों पर वायरस फैलाने के आरोपों पर राहुल ने एकजुट होकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लडऩे की बात कही। उन्होंने कहा, 'अगर हम बंटेंगे तब वायरस की जीत होगी और अगर हममें एकता होगी तब हम जीतेंगे।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को मेडिकल क्षेत्र के लोगों का पूरा सम्मान करना चाहिए और अपनी जांच करानी चाहिए। राहुल केरल के वायनाड से सांसद हैं और उन्होंने वायरस के खिलाफ संघर्ष में जिला और राज्य प्रशासन की कोशिशों की काफी तारीफ की।
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