जोमैटो-ग्रोफर्स के विलय पर कोरोना का साया | |
नेहा अलावधी / नई दिल्ली 04 14, 2020 | | | | |
जोमैटो तथा ग्रोफर्स से जुड़े सूत्रों के अनुसार दोनों कंपनियों के बीच संभावित विलय पर प्रारंभिक बातचीत हुई थी लेकिन कोविड-19 के चलते दोनों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ। हालांकि दोनों ही कंपनियों ने ऐसे किसी भी सौदे पर बातचीत होने से इनकार किया है।
जोमैटो के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने अपनी किराना डिलिवरी सेवा को चलाने के लिए विभिन्न एफएमसीजी कंपनियों, स्थानीय किराना स्टोर और आधुनिक रिटेल चेन के साथ साझेदारी की है। हम ग्रोफर्स के साथ किसी अन्य बातचीत के बारे में नहीं जानते हैं।'
ग्रोफर्स के प्रवक्ता ने कहा, 'इस विलय से जुड़ी सभी खबरें केवल अनुमान हैं जो पूरी तरह से असत्य हैं। ग्रोफर्स देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन ग्रोसरी रिटेलर है और हर 6 महीने में दोगुनी गति से बढ़ रहा है।'
इस संभावित सौदे से जुड़ी रिपोर्ट बुधवार सुबह सामने आई और सूत्रों ने पुष्टि की कि दोनों कंपनियों के बीच उच्च स्तर पर बातचीत हुई है। हालांकि, ये प्रारंभिक स्तर की बातचीत थी और सौदा नहीं हो सकता है।
इस मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा, 'जोमैटो मार्केट के तहत ग्रॉसरी डिलिवरी को लेकर दोनों के बीच साझेदारी ने अच्छा काम किया है। हो सकता है कि इसके चलते दोनों कंपनियों के संस्थापकों ने विलय की योजना बनाई हो। हालांकि कोरोनावायरस के चलते स्थिति बदल गई।'
जोमैटो ने इस महीने की शुरुआत में 'जोमैटो मार्केट' के तहत हाइपरलोकल ग्रोसरी डिलिवरी क्षेत्र में प्रवेश किया, जिसमें दिल्ली, पंजाब तथा केरल में किराने का सामान उपलब्ध कराया गया।
ई-ग्रोसरी स्पेस साल 2015 में आए संकट के दौर से गुजर चुका है जब अदिक छूट तथा कम मार्जिन के चलते लोकर बनिया, पेपेरटैप, आस्क-मी-बाजार जैसे स्टोर बंद हो गए थे।
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