छोटी बचत में सरकार की ढील का फायदा उठाइए और बचत बढ़ाइए | |
बिंदिशा सारंग / 04 14, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस के कारण हो रही दिक्कतों और लॉकडाउन तथा लोगों को हो रही वित्तीय तंगी को देखते हुए छोटी बचत योजनाओं में खास तरह की राहत दी गई है। वित्त मंत्रालय ने डाक विभाग से मिले सुझावों के आधार पर सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना और आवर्ती जमा (आरडी) खाताधारकों के लिए कई प्रावधानों में अच्छी खासी ढील दे दी है। छोटी बचत करने वाले लोगों को राहत पहुंचाने के दूसरे उपाय भी किए गए हैं।
सबसे पहला उपाय तो जुर्माना माफ करना है। वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक विभिन्न लघु बचत योजनाओं में वित्त वर्ष 2019-20 और अप्रैल 2020 में देय न्यूनतम निवेश राशि जमा नहीं करने पर लगने वाला जुर्माना हटा लिया गया है। 30 जून तक इस पर किसी तरह का जुर्माना या शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसका मतलब है कि किसी भी वजह से यदि आप छोटी बचत योजना के अपने खाते में 2019-20 के दौरान एक पैसा भी जमा नहीं कर पाए हैं तो फिलहाल आपसे किसी तरह का जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। इसे ऐसे समझिए। मान लीजिए कि आपको अपनी आरडी में 20 अप्रैल को रकम डालनी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से आप इसमें पैसा नहीं डाल पाए हैं तो आपको चिंता की जरूरत नहीं है क्योंकि अब आप 30 जून 2020 तक किसी भी जुर्माने या अतिरिक्त शुल्क के बगैर यह राशि जमा कर सकते हैं।
इसी तरह पीपीएफ और सुकन्या समृद्घि योजना में भी 30 जून 2020 तक एकल भुगतान किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि भुगतान एकल रहेगा यानी आप एक साथ दो वित्त वर्ष के लिए रकम जमा नहीं कर सकते हैं। कर सलाहकार बलवंत जैन इसे समझाते हैं, 'मान लीजिए कि आपको पीपीएफ में दो बार डेढ़-डेढ़ लाख रुपये डालने थे। एक बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए और दूसरी बार 2020-21 के लिए। तो ध्यान रखें कि आप एक साथ 3 लाख रुपये जमा नहीं कर सकते हैं। आपको दोनों के लिए अलग-अलग रकम जमा करनी होगी और 2019-20 के लिए रकम जमा करते समय आपको हलफनामा भी दाखिल करना होगा।'
भूल से अगर आपने तय सीमा से अधिक राशि जमा कर दी तो वह राशि आपको लौटा दी जाएगी, लेकिन उस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा। ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक पंकज मठपाल कहते हैं, 'ज्यादा अहम बात यह है कि आपको वित्त वर्ष 2019-20 में कर बचाने के लिए लघु बचत योजनाओं में निवेश का मौका जून 2020 तक मिलता रहेगा।' सरकार पहले ही कह चुकी है कि 2019-20 के लिए कर बचत योजनाओं में निवेश 30 जून तक किया जा सकता है।
मगर इन सहूलियतों के बीच हमें यह भी याद रखना होगा कि भुगतान में विलंब होने पर हमें ब्याज से हाथ धोना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि ब्याज की गणना उसी दिन से की जाती है, जिस दिन वास्तव में रकम जमा की गई होती है और इसका हिसाब-किताब भी पीपीएफ तथा सुकन्या समृद्घि योजना के नियमों के मुताबिक किया जाएगा। जैन इसे विस्तार से समझाते हैं, 'मान लीजिए कि पीपीएफ खाते में आप 1 से 10 जून के बीच रकम जमा करते हैं तो आपको केवल 10 महीने का ब्याज मिलेगा यानी अप्रैल और मई का ब्याज आपको हासिल नहीं होगा। ध्यान यह भी रहे कि महीने की 1 और 10 तारीख के बीच जो भी अधिकतम राशि खाते में रहती है, उसी पर ब्याज दिया जाता है। यदि आप 10 तारीख के बाद रकम जमा करते हैं तो आपको मार्च 2021 तक केवल 9 महीने का ब्याज ही दिया जाएगा। ब्याज का भुगतान वित्त वर्ष के अंत में किया जाता है।'
यह कदम इस वक्त वाकई अच्छा है क्योंकि लॉकडाउन के कारण तमाम लोगों को पैसे की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। खास तौर पर छोटे कारोबारी, फ्रीलांसर या वेतन कटौती का सामना कर रहे लोग मुश्किल में होंगे। सबसे ज्यादा गाज तो उन पर गिरी होगी, जिनकी नौकरियां ही चली गई हैं। उन सभी को इस तरह की राहत की बेहद जरूरत है। अगर आपके पास छह महीने तक अपना खर्च चलाने लायक रकम जमा है तो आपको तीन महीने की इस अतिरिक्त मियाद का इस्तेमाल कर बचाने के उन मौकों की भरपाई में करना चाहिए, जो आप गंवा चुके हैं। फिनवे के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी रचित चावला कहते हैं, 'यह मियाद खत्म होने में अभी दो महीने से अधिक वक्त बाकी है, इसीलिए निवेश करने में जल्दबाजी न करें। 25 जून तक इंतजार करने में कोई हर्ज नहीं है। उस समय तक आपको इस बात का बेहतर अंदाजा लग चुका होगा कि अर्थव्यवस्था में क्या चल रहा है? लॉकडाउन में विस्तार, अपनी नौकरी की हालत और वित्तीय स्थिति को देखते हुए कोई फैसला करना सही होगा। हर पहलू पर विचार करने के बाद यह फैसला करना सही होगा कि उसी समय यह फैसला करना होगा कि आप निवेश करना चाहते हैं या खाते को चालू रखने के लिए केवल न्यूनतम राशि जमा करना चाहते हैं।'
अनिश्चितता भरे इन हालात में सबसे जरूरी यह है कि आपके हाथ में पर्याप्त नकदी रहे। जहां तक पीपीएफ और सुकन्या समृद्घि योजना की बात है तो याद रखें कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आप पहले की ही तरह रकम जमा करना जारी रख सकते हैं। मठपाल कहते हैं, 'इस समय सबसे जरूरी अगर कुछ है तो वह है नकदी यानी आपके हाथ में जितने ज्यादा पैसे रहें आपके लिए उतना ही अच्छा है। इसलिए सब कुछ छोड़कर नकदी अपने पास रखिए।'
जिन लोगों ने अभी तक ऑनलाइन तरीके से भुगतान करना शुरू नहीं किया है, उनके लिए यह अच्छा सबक होगा और वे ऑनलाइन भुगतान करना शुरू कर देंगे। जो लोग बैंकों के जरिये छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते आए हैं, उनके लिए अब भी ऐसा करना आसान ही होगा। लेकिन जो लोग अब भी बैंक या डाकघर की शाखा में जाकर रकम जमा करने के आदी हैं, उन्हें जरूर थोड़ी तकलीफ होगी। उन्हें सबसे पहले ऑनलाइन प्रक्रिया को चालू करना होगा, उसे समझना होगा और उसके बाद निवेश जारी रखना होगा।
|