कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में पंजाब मंत्रिमंडल ने अनाज की सुगम खरीद के लिए सामाजिक दूरी का पालन करते हुए जरूरत पडऩे पर नई मंडियां खोलने के लिए उपायुक्तों को अधिकृत किया है। सरकार ने सभी जिले के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि अगर जरूरत होती है तो वे संबंधित जिले में खाद्यान्न की खरीद के लिए अतिरिक्त मंडियां खोल सकते हैं ताकि कोरोना के मद्देनजर मंडियों में भीड़ न जमा हो सके।
इस साल गेहूं की खरीद के लिए पहले ही 3,800 मंडियां अधिसूचित की जा चुकी हैं। गेहूं की कटाई और खरीद की तैयारियों पर भी मंत्रिमंडल में चर्चा की गई। गेहूं की खरीद 15 अप्रैल से शुरू होगी। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि 11 अप्रैल तक खरीद की पूरी व्यवस्था हो जानी चाहिए ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी तरह की परेशानी न हो। इससे पहले सरकार ने गेहूं खरीद की अवधि को पहले ही बढ़ाकर 15 जून कर दिया है और कोविड-19 संकट के कारण मंडियों तक उपज को लाने में हो रही देरी के लिए केंद्र से प्रोत्साहन की मांग की है।
इस बीच पंजाब सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने 7 अप्रैल तक के मनरेगा के सभी लंबित मजदूरी को मंजूरी दे दी है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने कहा कि लाभार्थियों के खाते में 92 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि विभाग के अधिकारियों के निरंतर प्रयास की वजह से केंद्र सरकार ने पंजाब को मनरेगा मद में 226 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसका लाभ भी लाभार्थियों को मिलेगा। राज्य के पास अगले 2 से 3 महीने के लिए मनरेगा मजदूरों को मजदूरी देने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध है।