फर्जी तथा भ्रामक खबरों का प्रसार रोकने के लिए मंगलवार को व्हाट्सऐप ने कहा कि वह मैसेज फॉरवर्ड करने पर लगाम लगाने के लिए एक नया फीचर लॉन्च कर रही है। इसके तहत अगर एक बार कोई मैसेज पांच लोगों या समूहों को फॉरवर्ड किया जा चुका है तो इसके बाद उसे एक बार में केवल एक व्यक्ति या समूह को ही फॉरवर्ड किया जा सकेगा। भारत में व्हाट्सऐप के 40 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। कंपनी अपनी बीटा रिलीज के आंकड़ों का भी अध्ययन कर रही है, जिसमें किसी संदेश के फर्जी होने की संभावनाओं तथा बार-बार साझा हो रहे मैसेज की जांच करने जैसे फीचर शामिल हैं। व्हाट्सऐप ने एक बयान में कहा, 'विचार यह है कि बार-बार फॉरवर्ड किए जा रहे संदेशों के पास एक लेंस जैसा आइकन दिखाई देगा जिसकी मदद से उपयोगकर्ता संबंधित संदेश को इंटरनेट पर भेज सकेंगे। इंटरनेट पर इस खबर से जुड़ी अगर कोई भ्रामक खबर की जानकारी है तो वह उपयोगकर्ता को मिल जाएगी। संदेश को आगे फॉरवर्ड करने से पहले उन्हें जांचने से अफवाहों के प्रसार को कम करने में मदद मिलेगी।' भारत सरकार ने भी एक बार फिर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रही फर्जी खबरों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरोनावायरस संबंधी फर्जी खबरों के प्रसार पर रोक नहीं लगा पाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। व्हाट्सऐप पिछले काफी समय से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने संबंधी मुहिम चला रही है। जनवरी 2019 में कंपनी ने वैश्विक स्तर पर ही संदेश फॉरवर्ड करने पर सीमा लगा दी थी। कंपनी ने नई निजता संबंधी सेटिंग जारी की हैं और अब उपयोगकर्ता इसका चयन कर सकेगा कि उन्हें किसी समूह विशेष में कौन व्यक्ति जोड़ सकता है। कंपनी बहुत अधिक या ऑटोमेटेड संदेश भेजने के चलते हर महीने करीब 20 लाख समूहों को प्रतिबंधित कर रही है। कोविड-19 से जुड़ी सही तथा प्रमाणित जानकारियों के प्रसार में मदद करने के लिए व्हाट्सऐप भारत समेत पूरे विश्व में सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। भारत में व्हाट्सऐप ने सरकार के प्लेटफॉर्म माईजीओवी के साथ मिलकर एक 'माईजीओवी कोरोना हेल्पडेस्क' की शुरुआत की है। देश के कई राज्यों में इस तरह की सेवाएं शुरू की गई हैं। जैसे दिल्ली +91-8800007722, महाराष्ट्र +91-202612739, गुजरात +91-7433000104 । इनकी मदद से उपयोगकर्ता भरोसेमंद तथा प्रमाणित जानकारियां पा सकेंगे जो अंग्रेजी के साथ-साथ उनकी स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध होगी। आने वाले सप्ताहों में इस तरह की कई और हेल्पलाइन शुरू करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
