एसआईपी योजनाएं प्रभावित होने का खतरा | |
जश कृपलानी / 04 06, 2020 | | | | |
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच आर्थिक गतिविधि ठप पडऩे से म्युुचुअल फंड (एमएफ) निवेशकों को अपनी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट योजनाओं (एसआईपी) को बंद करने या रोकने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि लॉकडाउन के प्रभाव की वजह से निवेशकों की मासिक आय पर दबाव पडऩे की आशंका गहरा गई है।
सलाहकारों का कहना है कि निराशाजनक इक्विटी प्रतिफल और आय में कमी की आशंका से निवेशकों को एसआईपी रोकने का कदम उठाना पड़ रहा है। प्लान रुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अमोल जोशी ने कहा, 'वैश्विक घटनाक्रम से ज्यादा प्रभावित हुए एयरलाइन और होटल जैसे क्षेत्रों से जुड़े ग्राहकों को अपने एसआईपी खर्च पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इसके अलावा, कुछ निवेशकों को इस अवधि के दौरान वेतन कटौती का सामना करना पड़ा है।'
शेयर बाजार में गिरावट से एमएफ निवेशकों का प्रतिफल प्रभावित हुआ है। फरवरी में 6 प्रतिशत गिरने के बाद, सेंसेक्स ने मार्च में 23 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की। अनुमानों से पता चला है कि 85-90 प्रतिशत एसआईपी निवेशक इक्विटी परिसंपत्तियों से जुड़े हुए हैं।
मुंबई स्थित तेजस कंसल्टेंसी के सह-संस्थापक रितेश शेठ ने कहा, 'आगामी नकदी प्रवाह को लेकर सभी तरह के ग्राहकों में अनिश्चितता है, चाहे वे वेतन-भोगी हों या स्व-रोजगार से जुड़े हुए हों। उनका मानना है कि फिलहाल एसआईपी को रोकना बेहतर साबित हो सकता है, क्योंकि ऋण ईएमआई जैसी देनदारियां चुकाना मौजूदा परिवेश में प्राथमिकता बन गई है।'
मार्च का एसआईपी प्रवाह प्रभावित नहीं होने की संभावना है, लेकिन अप्रैल के आंकड़े एमएफ उद्योग के लिए महत्वपूर्ण होंगे। एक फंड हाउस के अधिकारी ने कहा, 'हमें मार्च में 8,000-8,200 करोड़ रुपये के एसआईपी प्रवाह का अनुमान है, लेकिन अप्रैल के आंकड़े पर दबाव देखा जा सकता है।'
लगभग 27 लाख करोड़ रुपये के एमएफ उद्योग को देखते हुए एसआईपी से मजबूत प्रवाह अब तक निवेशक परिसंपत्तियों का नियमित माध्यम है, भले ही हाल के महीनों में बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा हो। फरवरी में, एसआईपी प्रवाह पूर्ववर्ती महीने के मुकाबले 8,513 करोड़ रुपये पर मजबूत बना हुआ था। एमएफ सलाहकारों का कहना है कि जहां कुछ नकदी किल्लत वाले ग्राहक अपने एसआईपी बंद करना या रोकना चाहते हैं, वहीं उन्हें एमएफ की ऑफलाइन शाखाओं में इस संबंध में अनुरोध नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि ये शाखाएं अभी बंद हैं। एक एमएफ वितरक ने कहा, 'सभी एमएफ के पास एसआईपी बंद करने या रोकने के लिए ऑनलाइन सुविधा मौजूद नहीं है।'
सूत्रों के अनुसार, बाजार नियामक सेबी ने 44 कंपनियों वाले एमएफ उद्योग से एसआईपी बंद करने की सुविधा अपनी वेबसाइटों पर तुरंत उपलब्ध कराने को कहा है, जिससे कि निवेशक अपने अनुरोध आसानी से देने में सक्षम हो सकें।
अगस्त और सितंबर 2019 में 66 प्रतिशत की वृद्घि के बाद एसआईपी बंद होने का अनुपात अब 50 प्रतिशत के आंकड़े के आसपास है। फरवरी में यह 50.4 प्रतिशत था, जिसका मतलब है कि प्रत्येक दो नए एसआईपी खातों में से एक को बंद कराने का अनुरोध दिया गया है। वहीं, एसआईपी कुछ समय के लिए रोकने के विकल्प के तहत एमएफ निवेशक अस्थायी तौर पर अपने मासिक एसआईपी निवेश को बंद कर सकता है, लेकिन एसआईपी रद्द किए जाने के बाद इसे पुन:पंजीकृत कराने की जरूरत होगी।
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