तीसरी तिमाही में पूंजी के लिए लेंगे बाजार का सहारा | हंसिनी कार्तिक / April 02, 2020 | | | | |
बीएस बातचीत
ओरिएंटल बैंंक आफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया का पंजाब नैशनल बैंक के साथ विलय बेहतर समय में नहीं हुआ है। पीएनबी के सीईओ और एमडी एसएस मल्लिकार्जुन राव ने हंसिनी कार्तिक से बातचीत में कहा कि बैंक ने जुलाई में पूंजी जुटाने की योजना बनाई है। संपादित अंश...
बैंकिंग क्षेत्र में हाल की हुई गतिविधियों के बाद क्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपनी स्थिति मजबूत कर सकेंगे?
निश्चित रूप से। अगर आप पूरा माहौल देखें तो शेयर बाजार के एक मानक को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का आत्मविश्वास बहुत ज्यादा है। उसके अलावा सभी मामलों में आत्मविश्वास है। हमारे लिए बाजार बहुत अलग नहीं है। हमारे पूंजी के ढांचे में सरकार बड़ी हिस्सेदार है। हम छोटे निवेशकों को कम करके नहीं आंक रहे हैं, लेकिन शेयर बाजार को सरकारी बैंकों के शेयर की स्थिति को देखते हुए हकीकत पर नजर डालने की जरूरत है। पिछले 2 महीने के दौरान हुई गतिविधियों से माहौल हमारे पक्ष में है। ऐसी स्थिति में हम इस विश्वास को कारोबारी संबंध में बदलने के लिए काम करेंगे।
क्या आपको विश्वास है कि विलय के बाद आप सरकार द्वारा पूंजी डाले बगैर पूंजी बाजार का लाभ उठाने में बेहतर स्थिति में हैं?
दिसंबर तिमाही में हम क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) या फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) लाकर संभावनाएं तलाशेंगे।
इसके लिए आप कब योजना बनानाशुरू करेंगे?
संयुक्त इकाई का वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही के परिणाम की घोषणा के बाद हम इसके लिए कवायद शुरू कर देंगे। इस हिसाब से जुलाई में योजना शुरू हो सकती है। पूंजी के दो रास्ते हैं, एक नियामकीय पूंजी और अन्य विकास पूंजी। दिसंबर में हमराी नियामकीय पूंजी जरूरत 14 प्रतिशत से ज्यादा (एकल आधार पर) होगी और हमारे पास पर्याप्त पूंजी है। यहां तक कि ओरिएंटल बैंंक आफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया के पास भी पर्याप्त पूंजी थी।
मार्च तिमाही में तीन अलग बैलेंस सीट घोषित की जाएगी। हम उन्हें मिलाएंगे और अपनी स्थिति देखेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी पूंजी संरक्षण बफर लागू करने की आखिरी किस्त सितंबर तक के लिए टाल दी है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि पूंजी को लेकर कोई कमी आएगी। जून तिमाही के परिणाम के बाद हम यह योजना बनाएंगे कि किस तरह से पूंजी बढ़ाने के लिए बाजार में जाया जाए।
कर्ज के मानकों में सुधार के बारे में क्या कहना है?
बड़े संगठन की तुलना में छोटे संगठन के लिए उद्योगवार कौशल स्थापित करना कठिन है। संगठन के भीतर क्षमता तैयार करना उद्योगों व विभिन्न क्षेत्रों के लिए बड़े बैंकों के लिए बहुत ज्यादा सुविधाजनक है। इस हिसाब से विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुझे विश्वास है कि विलय के बाद बनी इकाई को मौका होगा कि ज्यादा उचित तरीके से जोखिम प्रशासन ढांचा और कर्ज के जोखिम के आकलन की क्षमता स्थापित की जाए।
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