जिंस बाजार नियामक सेबी ने एक्सचेंजों से कहा है कि 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान परिचालन और जिंसों की आपूर्ति में अवरोध को देखते हुए वे कृषि जिंसों के अनुबंधों की एक्सपायरी की समीक्षा करे। इसे देखते हुए देश के स बसे बड़े कृषि एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने 20 अप्रैल को परिपक्व होने वाले सभी कृषि जिंसों की तारीख अब 30 अप्रैल कर दी है।
एक्सचेंज का 20 मार्च का एक्सपायरी लॉकडाउन से पहले पूरा हो गया था। हालांकि एक्सचेंज को लॉकडाउन की भारी कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि उसका वॉल्यूम महीने के शुरुआत के मुकाबले घटकर आधा रह गया।
सभी एक्सचेंजों की तरफ से जिंस डेरिवेटिव के शाम का सत्र बंद किए जाने और 14 अप्रैल तक शाम 5 बजे तक कारोबार बंद किए जाने (जिसे आज से क्रियान्वित किया गया) के फैसले से अब पूरा ध्यान कृषि क्षेत्र पर लग गया है। ब्रोकरों ने नियामक से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन तक शाम का सत्र (शाम 5 बजे से 11.30 बजे तक) बंद किया जाए, लेकिन नियामक ने इसका फैसला एक्सचेंजों पर छोड़ दिया।
इसी तरह विशेषज्ञों ने सेबी से कहा था कि वह अप्रैल में एक्सपायर होने वाले अनुबंध का मई के अनुबंध के साथ विलय कर दें क्योंकि कृषि शृंखला में कई अवरोध हैं। जाने माने कृषि विशेषज्ञ विजय सरदाना ने कहा, मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि कृषि मसलन गोदामों मंडी में काफी ज्यादा अवरोध है, जिससे कीमतें घट रही हैं। ये वास्तविकताएं हैं, ऐसे में सेबी एक्सचेंजों को यह निर्देश दे कि वे अप्रैल में
एक्सपायर होने वाले कृषि अनुबंध मई के अनुबंधों के साथ मिला दे या फिर एक्सपायरी की तारीख आगे बढ़ाए और अगले माह उसकी समीक्षा करे।