इंडिया पोस्ट के कामकाज पर भी असर | निवेदिता मुखर्जी / नई दिल्ली March 29, 2020 | | | | |
आमतौर पर साल के इस महीने डाकघरों में खूब चहल-पहल रहती थी और वित्त वर्ष के अंतिम समय में एजेंट निवेशकों को कर बचत योजनाएं बेचने में व्यस्त रहते थे। लेकिन आजकल स्थिति एकदम अलग है। शुक्रवार दोपहर को दिल्ली के आईटीओ स्थित डाकघर के बाहर मास्क लगाए सुरक्षा गार्ड खड़े थे। उन्होंने बताया कि डाकघरों का समय बदल गया है और अब सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही काम होता है। कोविड-19 से पहले यह रात आठ बजे तक खुला रहता था।
इंटरनेट और मोबाइल फोन से पहले संदेश पहुंचाने के लिए देश की जीवनरेखा माने जाने वाले डाकिये अब भी चि_ïी और पार्सल लेने आते हैं, पूछने पर कार्यालय का काम कर रहे एक कर्मचारी ने कहा कि इस डाकघर से जुड़े सभी 66 डाकियों को सवैतनिक अवकाश दे दिया गया है। इमारत के पीछे वाले हिस्से में लॉकडाउन के समय से ही आए पार्सल पड़े थे। हालांकि कुछ ग्राहक अपने पार्सल, स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड पत्रों को खुद ही यहां से ले जाते हैं। अधिकांश शहरी इलाकों में यही स्थिति है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि कई लोगों ने संक्रमण के डर से डाकिये के हाथों पार्सल लेने से मना कर रहे थे।'
आवश्यक सेवा में शामिल इंडिया पोस्ट का परिचालन मौजूदा समय में आंशिक रूप से किया जा रहा है। डाकघरों में आने वाले लोगों की संख्या काफी कम हो गई है। नई दिल्ली में डाक विभाग के मुख्यालय डाक भवन के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि कोरोना के प्रसार के बाद से देश भर में डाकघर आने वाले लोगों की संख्या करीब 40 फीसदी घट गई है।
इसके साथ ही पार्सल बुकिंग और वित्तीय लेनदेन में भी काफी कमी आई है। सूत्रों के अनुसार करीब 4.50 लाख कर्मचारियों वाले इस संगठन के केवल 2.18 लाख कर्मचारी ही काम पर आ रहे हैं। इनमें 1.47 लाख ग्रामीण डाक सेवक हैं। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहने से वहां डाक कर्मचारी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि पंजाब जैसे कुछ राज्यों में कफ्र्यू लगने की वजह से भी दिक्कत आ रही है, क्योंकि आवश्यक सेवाओं के संचालन के पर्याप्त कफ्र्यू पास उपलब्ध नहीं हैं। विभाग का पूरा ध्यान अभी आवश्यक वस्तुओं, जैसे कि दवाएं, खाद्य पदार्थ, मास्क और कपड़े आदि के ट्रांसपोर्टेशन पर है।
कार्गो विमान चालू हैं क्योंकि एयर इंडिया की सहायक इकाई एयर अलायंस और भारतीय वायु सेवा कई जगहों पर दवाएं और खाने-पीने की चीजें पहुंचा रहे हैं। हालांकि गैर-जरूरी चीजें जैसे पत्र और स्पीड पोस्ट को शहरों तक ही सीमित रखा गया है। मनीऑर्डर भेजे जा रहे हैं और 28 मार्च तक करीब 6,000 मनीऑर्डर के जरिये कुल 50 लाख रुपये की आपूर्ति की गई है। संकट के समय में इंडिया पोस्ट वित्तीय लेनदेन से लेकर पार्सल की बुकिंग करने के लिए अपने मोबाइल वैन का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे मोबाइल वैन का परिचालन आंध्र प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में किया जा रहा है। वित्तीय सेवाओं को देखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में वित्तीय लेनदेन 30 फीसदी तक घट गए थे लेकिन अब इसमें तेजी आ रही है। राजधानी दिल्ली के व्यस्त गोल डाकखाना दफ्तर में आने वाले लोगों को दो स्तर पर सैनिटाइज किया जाता है। पहले साबुन और पानी से हाथ धुलाया जाता है और फिर मुख्य गेट पर हैंड सैनिटाइज दिया जाता है। कुल 280 कर्मचारियों वाले इस कार्यालय में बीते शनिवार को केवल 45 लोग काम कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि अधिकतर काम निलंबित है और बैकलॉग पूरा होने में कुछ समय लगेगा।
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