कोरोनावायरस से उपजे संकट के बीच देश भर के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल फिलहाल निलंबित कर दिए गए हैं। टोल संचालकों की टोल संग्रह समयावधि में इन दिनों की कुल संख्या के बराबर विस्तार दिया जाएगा। सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े अनुबंधों पर फोर्स मेजर भी लागू कर दिए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक अधिकारी ने बताया, 'सभी परियोजनाओं के लिए फोर्स मेजर लागू कर दिए गए हैं और जहां तक टोल पर संग्रह बंद करने की बात है, लॉकडाउन समाप्त होने के बाद इसे फिर से शुरू कर दिया जाएगा।' ठेकेदारों तथा सरकार के बीच हुए रियायत समझौते के तहत टोलिंग अवधि के विस्तार की अनुमति है।
फोर्स मेजर ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियों में लाया जाता है जब किसी अनुबंध को पूरा करना संभव न हो। यह किसी प्राकृतिक या अपरिहार्य आपदा के चलते अनुबंध में दिए गए समय पर कार्य पूरा नहीं होने पर संबंधित व्यक्ति की देनदारी को समाप्त करता है। अधिकारी ने बताया कि रियायत संबंधी सभी अनुबंधों में फोर्स मेजर का प्रावधान है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की है।
ध्यातव्य है कि नोदबंदी के समय भी कई सप्ताह तक टोल परिचालन बंद रहा था और उस समय भी टोल संग्रह समयावधि को इतने दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने 500 रुपये तथा 1,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह को निलंबित करने की घोषणा की थी और इसके बाद 2 दिसंबर 2016 से दोबारा टोल व्यवस्था बहाल हुई थी।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च का मानना है कि कोविड-19 के विस्तार को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों द्वारा बड़े शहरों में लगाए गए लॉकडाउन से वहां बुनियादी ढांचे निर्माण में बाधा उत्पन्न होगी। इसके चलते लघु अवधि में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की कंपनियों की राजस्व वृद्धि प्रभावित होगी। साथ ही, कामगार श्रमिकों की एक बड़ी संख्या अपने घरों की ओर लौट रही है और वे स्थिति सामान्य होने के बाद ही वापिस आएंगे। इसमें एक महीना या इससे ज्यादा समल लग सकता है।
इसके अलावा, राजस्व संग्रह भी प्रभावित होगा। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि इन सभी के साथ ओवरहेड्स तथा वित्तीय शुल्क के तौर पर होने वाले खर्च से भी निर्माण कंपनियों की लाभप्रदता प्रभावित होने की संभावना है। एमईपी इन्फ्रा के अध्यक्ष जयंत डी. महिस्कर कहते हैं, 'इस समय कुछ भी एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पा रहा है। चीजें ठहर गई हैं और इन्हें दोबारा पटरी पर आने में 3-4 महीने का समय लग जाएगा।' वह कहते हैं, 'अगर लॉकडाउन हटा भी लिया गया तो भी काम शुरू होने में लंबा वक्त लगेगा क्योंकि एक ओर श्रमिक उपलब्ध नहीं होंगे तथा दूसरा विनिर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध होगा।'