ई-कॉमर्स कंपनियों की आपूर्ति भी पड़ी ठप! | पीरजादा अबरार और समरीन अहमद / बेंगलूरु March 24, 2020 | | | | |
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों और शहरों में बंद से देश भर में ई-कॉमर्स कारोबार लगभग थम गया है। इससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई कर रही है और अंतरराज्यीय आवाजाही रोक दी गई है। इससे फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, ग्रोफर्स और मिल्कबास्केट जैसे प्लेटफॉर्मों के जरिये आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी नहीं हो पा रही है। सूत्रों के मुताबिक स्विगी और जोमैटो जैसी खाने की डिलिवरी करने वाली कंपनियों को भी ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ई-कॉमर्स उद्योग के कार्याधिकारी ने कहा, 'बहुत सी चीजें स्पष्ट नहीं हैं। प्रशासन नए-नए नियमों के लिए परिपत्र जारी कर रहा है, जो पहले के परिपत्रों के एकदम उलट हैं।' उन्होंने कहा, 'यह ठीक से संवाद न होने का भी मसला है।' ई-कॉमर्स कंपनियों को चावल, गेहूं, दाल, बेबी फूड, दूध एवं डेयरी उत्पाद और फल एवं सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ अन्य अहम वस्तुओं में साबुन, सैनिटरी पैड, सैनिटाइजर और मास्क जैसे साफ-स्वच्छता के उत्पाद शामिल हैं।
ई-कॉमर्स उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि इस समय बहुत से लोग घर से काम कर रहे हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों को ऐसे लोगों को पावर बैंक, लैपटॉप, राउटर, हेडसेट, टैबलेट और कुर्सी जैसी चीजों की आपूर्ति करने में दिक्कतें आ रही हैं, जबकि इन चीजों की मांग में बढ़ोतरी हुई है। ई-कॉमर्स क्षेत्र की इन चुनौतियों पर ध्यान देते हुए कर्नाटक सरकार ने सोमवार को आदेश जारी किया कि ई-कॉमर्स और होम डिलिवरी आवश्यक सेवाओं में आती हैं और इन्हें उन पाबंदियों से बाहर रखा जाना चाहिए, जो कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए लगाई गई हैं। महाराष्ट्र ने भी एक आदेश जारी करते हुए कहा कि दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित आवश्यक सामान मुहैया कराने वाली ई-कॉमर्स सेवाओं को पाबंदियों से बाहर रखा जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक आवश्यक वस्तुओं समेत अन्य ई-कॉमर्स श्रेणियों की बिक्री में कम से कम 60 फीसदी गिरावट आई है। बहुत से उपभोक्ताओं ने कम्युनिटी प्लेटफॉर्म पर कहा है कि उन तक ग्रोफर्स, बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स ऐप की डिलिवरी नहीं पहुंच रही है। लोकलसर्किल के एक सर्वेक्षण के मुताबिक बंद की वजह से करीब 35 फीसदी ग्राहकों को ई-कॉमर्स ऐप के जरिये आवश्यक सामान नहीं मिल पाया। करीब 17 फीसदी उपभोक्ताओं को खुदरा स्टोरों से आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल पाईं। लोकलसर्किल्स ने कहा, 'राज्य प्रशासन को शीर्ष पुलिस अधिकारियों को इस बात के लिए संवदेनशील बनाना चाहिए कि जमीनी स्तर पर तैनात अधिकारी आवश्यक वस्तुओं की थोक एवं खुदरा स्टोरों और लोगों के घरों में आपूर्ति में अवरोध पैदा न करें।'
रोजाना किराने का सामान डिलिवर करने वाली गुरुग्राम की कंपनी मिल्कबास्केट ने कहा कि स्थानीय पुलिस कंपनी के कर्मचारियों, वेंडरों और वाहनों को सड़कों पर चलने नहीं दे रही है, जिससे उसका परिचालन प्रभावित हो रहा है। कंपनी ने सोमवार को कहा, 'कल हमें हजारों ऑर्डर रद्द करने पड़े। हम गुरुग्राम में केवल 40 फीसदी ऑर्डर पूरे कर पाए। नोएडा में और भी कम ऑर्डर पूरे हो पाए। हमें आज पूरे ऑर्डर रद्द करने पड़ सकते हैं, जिसका चार शहरों में डेढ़ लाख परिवारों पर असर पड़ेगा।'
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