बढ़ते डेटा इस्तेमाल से ऑपरेटर दबाव में | सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली March 24, 2020 | | | | |
रविवार से दूरसंचार ट्रैफिक में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की वह से ऑपरेटर अब सरकार से अस्थायी तौर पर तुरंत अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह के प्रयास से उन्हें डेटा इस्तेमाल में हुई अप्रत्याशित वृद्धि से निपटने में मदद मिलेगी। कोरोनावायरस के तेज प्रसार की वजह से 'वर्क फ्रॉम होम' और लोगों के 'सेल्फ क्वारंटाइन' यानी घरों में ही रहने से डेटा इस्तेमाल में भारी इजाफा हुआ है। एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी के वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'प्रधानमंत्री द्वारा जनता कफ्र्यू का आह्वïान किए जाने के बाद हमने रविवार को घने इलाकों में डेटा इस्तेमाल में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की। उसके बाद से इसमें लगातार इजाफा हुआ है। सीओएआई द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह डेटा ट्रैफिक 10 प्रतिशत बढ़ा।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) को भेजे पत्र में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने अल्पावधि और अस्थायी तौर पर 'एक्सेस एवं बैकहॉल माइक्रोवेव' दोनों के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की मांग की है, क्योंकि दूरसंचार कंपनियों को तेजी से बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि सीओएआई के महानिदेषक राजन मैथ्यू का कहना है कि वे इस संबंध में अभी भी सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। दूरसंचार संगठन ने दूरसंचार विभाग से टावरों के लिए अनुमति दिए जाने की प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा है।
बोफा ग्लोबल रिसर्च इंडिया के अनुसार, भारत में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड की पहुंच सिर्फ 6 प्रतिशत है जिससे वर्क फ्रॉम होम के लिए दूरसंचार ट्रैफिक (जो कुल ट्रैफिक का लगभग 70 प्रतिशत है) का दबाव सेल्युलर नेटवर्क पर पडऩे की आशंका है। भारत में सिर्फ 1.9 करोड़ फिक्स्ड ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता हैं जबकि कुल 3जी और 4जी ग्राहकों की संख्या 63 करोड़ है। विश्लेषकों का कहना है कि एयरटेल जैसी कई कंपनियां फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के लिए नए ग्राहकों से कोई इंसटॉलेशन चार्ज या सिक्योरिटी राशि नहीं वसूल रही हैं जबकि एसीटी ने अतिरिक्त शुल्क के बगैर स्पीड बढ़ाकर 300 एमबीपीएस तक कर दी है और बीएसएनएल उन ग्राहकों के लिए एक महीने तक फ्री ब्रॉडबैंड की पेशकश कर रही है जिनके पास उनकी कंपनी का लैंडलाइन कनेक्शन पहले से ही है।
हालांकि सीओएआई से मांग इस तथ्य को देखते हुए उचित दिख रही है कि अमेरिका में फेडरल कम्युनिकेशंस ने एटीऐंडटी, वेरीजॉन, टी-मोबाइल और यूएस सेल्युलर को ज्यादा स्पेक्ट्रम के लिए अस्थायी तौर पहुंच मुहैया कराई है जिससे कि वे लगभग 60 दिन के लिए अपनी वायरलेस क्षमता बढ़ा सकें। मोबाइल नेटवर्कों ने 60 से 65 प्रतिशत क्षमता पर काम किया है, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से उनका ट्रैफिक 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है और आगे भी इसमें तेजी आ सकती है। हालांकि सीओएआई का कहना है कि उसके पास अभी भी पर्याप्त क्षमता उपलब्ध है, लेकिन लंबे समय तक शहरों और कार्यालयों को बंद रखने से नेटवर्क पर दबाव बढ़ सकता है और ज्यादा अस्थायी स्पेक्ट्रम क्षमता की जरूरत पड़ सकती है।
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