कोरोनावायरस से सीमेंट उद्योग में स्थिरता | अभिषेक रक्षित / कोलकाता March 22, 2020 | | | | |
निर्माण क्षेत्र पर कोरोनावायरस के असर को लेकर अनिश्चितता से आने वाले महीनों में सीमेंट के दाम स्थिर रहने के आसार हैं। उद्योग के अधिकारियों के साथ-साथ इस क्षेत्र के विश्लेषकों का भी कहना है कि हालांकि अब तक निर्माण क्षेत्र पर कोरोनोवायरस का असर महसूस नहीं किया गया है, लेकिन कारोबार के सभी क्षेत्रों में लंबे समय तक रहने वाले संकट से सीमेंट उद्योग पर भी असर पड़ सकता है और इस बात की संभावना नहीं है कि ऐसी अस्थिरता में दामों में इजाफा किया जाएगा।
बिड़ला कॉरपोरेशन के मुख्य परिचालन अधिकारी संदीप घोष ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि निर्माण कार्यों पर अब तक कोरोनावायरस का प्रभाव अनुभव नहीं किया गया है। जब तक हर जगह कोई बड़ी आर्थिक मंदी नहीं आएगी, तब तक निकट भविष्य में इस पर प्रभाव पडऩे की संभावना नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही कोरोनावायरस को महामारी घोषित कर चुका है, भारत ने एक महीने के लिए स्वयं को पृथक रखने का विकल्प चुना है और शेयर बाजार भी इस वायरस के आर्थिक असर को लेकर अनिश्चितता के कारण प्रतिक्रिया कर रहे हैं। येस सिक्योरिटीज के विश्लेषक कुणाल शाह ने कहा कि बाजार इसलिए गिर रहा है क्योंकि लोग इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि कोरोनोवायरस के असर से भविष्य कैसा रहेगा।
विश्लेषकों ने खास तौर पर खुदरा, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थानों से संबंधित कंपनियों को लेकर भी सावधान रहने के संकेत दिए हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण विनिर्माताओं ने भी चीन के साथ व्यापार की अस्थायी रुकावट के मद्देनजर वहां से आने वाले पूर्जों की उपलब्धता पर अपना दुख जताया है।
दूसरी तरफ अगर इस वायरस की वजह से घरेलू संकट लंबे समय तक चलता है, तो निर्माण क्षेत्र में भी इसके झटके महसूस हो सकते हैं क्योंकि यह क्षेत्र चीन से खासी मात्रा में उत्पादों का आयात करता है। इसमें लोहा एवं इस्पात, तकनीकी निर्माण उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और प्लास्टिक तथा फाइबर जैसा अन्य सामान भी शामिल रहता है। उद्योग के अधिकारी अर्थव्यवस्था की स्थिरता और कोरोनावायरस के खतरे के इस मेल से सतर्क हैं। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि मांग में सुधार हो रहा है, लेकिन पिछले सालों में हमने जो विकास दर्ज किया था, उसकी तुलना में इस साल विकास काफी कम रहेगा। प्रमुख बात यह है कि कोरोनावायरस को लेकर कुछ अनिश्चितता है, लेकिन देखते हैं कि अर्थव्यवस्था की स्थिति पर इसका क्या असर नजर आता है।
इसके अलावा, रफ्तार के पैमाने पर अर्थव्यवस्था में तेजी आने से श्रमिकों की कमी आ सकती है जिससे निर्माण कार्यों पर भी असर पड़ सकता है। इस क्षेत्र के विश्लेषकों का मानना है कि देश में सीमेंट मांग की नरम स्थिति को देखते हुए निकट भविष्य में दामों में इजाफे की संभावना नहीं है। घोष ने कहा कि दामों में शायद इजाफा न हो, लेकिन निकट भविष्य में दाम स्थिर रहने के आसार हैं।
ब्रोकिंग कंपनी आनंद राठी की एक रिपोर्ट के अनुसार इस महीने दक्षिण और पश्चिम क्षेत्रों के अलावा देश भर में किसी कीमत वृद्धि की घोषणा नहीं की गई है, जबकि मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कुछ भागों वाले मध्य क्षेत्र में फरवरी के दौरान हुई कुछ दाम वृद्धि के बाद इनमें गिरावट आने की संभावना है। आनंद राठी ने कहा कि हमारे आकलन से पता चला है कि साल के आखिर के लक्ष्य और होली की वजह से काम नहीं होने के कारण मार्च में सीमेंट के दामों पर दबाव बढ़ सकता है। उद्योग के अधिकारियों का मानना है कि बाजार की अस्थिर स्थिति कंपनियों के साथ-साथ सीमेंट कारोबारियों को कम से कम निकट भविष्य में दाम बढ़ाने से रोकेगी।
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