कोरोनावायरस के खिलाफ सांकेतिक लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित 'जनता कर्फ्यू' का आज देशभर में व्यापक असर देखने को मिला। शाम को केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए और कई एहतियाती उपायों की घोषणा की। इनमें उन 75 जिलों में 31 मार्च तक बंदी शामिल है जिनमें कोरोनावायरस के मामलों की पुष्टि हुई है या इसके कारण लोगों की मौत हुई है।
प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात लोगों के प्रति आभार जताने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह कोविड-19 के खिलाफ लंबी लड़ाई की शुरुआत है। उन्होंने लोगों को इसी संकल्प के साथ सामाजिक दूरी के सिद्धांत को अपनाने का आह्वान किया।
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की। इस दौरान दिल्ली की सीमाएं सील रहेंगी, बाजार बंद रहेंगे और निजी क्षेत्र के कर्मचारी अनिवार्य सवैतनिक अवकाश पर रहेंगे। रेलवे ने 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया है जिनमें उपनगरीय ट्रेनें भी शािमल हैं। इस दौरान देशभर में मेट्रो सेवाएं भी नहीं चलेंगी। इसके अलावा अंतरराज्यीय यात्री बस सेवाओं पर भी रोक रहेगी।
75 जिलों के अलावा कई राज्यों ने भी बंदी की घोषणा की है। इनमें महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब भी शामिल हैं जहां पूरे राज्य में निषेधाज्ञा लगा दी है। पूरे देश में कोरोनावायरस से संक्रमित मामलों की संख्या करीब 350 पहुंच गई है। आज महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में एक-एक मरीज की मौत के बाद इससे मरने वालों की संख्या 7 पहुंच गई है।
जनता कर्फ्यू के दौरान पूरे देश में सड़कें सुनसान रहीं और बाजार बंद रहे। लोगों के प्रधानमंत्री के आह्वान को सिरमाथे लिया और घरों से बाहर निकलने से परहेज किया। कुछ स्थानों पर सड़कों पर लोग नजर आए, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। सड़कों पर गाडिय़ों नहीं होने के कारण कई स्थानों पर पेट्रोल पंप भी बंद रहे। कई शहरों में स्थानीय निकायों ने सायरन बजाया। शाम 5 बजे ही लोगों ने अपने घरों की बालकनी में खड़े होकर ताली, थाली और शंख बजाकर तथा पटाखे चलाकर उन लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर खड़े हैं।
कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में हुई सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि अंतरराज्यीय परिवहन बसों के साथ-साथ गैर-जरूरी वाहनों की आवाजाही पर लगी पाबंदी को 31 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए। राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे स्थिति का आकलन कर उन जिलों की संख्या बढ़ा सकते हैं जिनमें बंदी की घोषणा की गई है। व्यापारिक संगठनों के मुताबिक जनता कर्फ्यू में सात करोड़ दुकानदारों और 60 हजार बाजारों ने हिस्सा लिया।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने घरेलू व्यापार के लिए प्रधानमंत्री से आर्थिक पैकेज की मांग की। मुंबई में हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा क्योंकि टैक्सी और ऑटो रिक्शा वाले सड़कों से दूर रहे। सभी विमानन कंपनियों ने उड़ानों की संख्या में कटौती की घोषणा की है। उड़ानों में यात्रियों की संख्या बहुत कम थी।
चेन्नई से पहुंची वैशाली प्रशांत ने कहा, 'हमने 10-15 मिनट तक इंतजार किया लेकिन सड़कों पर कोई टैक्सी नहीं थी। इसलिए हमें पैदल ही करीबी रेलवे स्टेशन जाना पड़ा।' दिल्ली में शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारियों ने संकेत के तौर पर अपनी चप्पलें धरनास्थल पर रखीं लेकिन खुद घरों में ही रहीं। झारखंड में कर्फ्यू सोमवार सुबह 6 बजे तक बढ़ा दिया गया। ठाणे के कल्याण में क्रिकेट खेलते आठ लोगों को कर्फ्यू नहीं मानने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने सांसदों से सोमवार से संसद नहीं जाने का आह्वïान किया जबकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह अपने सभी सांसदों को सदन में भेजेगी। तृणमूल ने मांग की कि सोमवार को वित्त विधेयक पारित करके बजट सत्र का समापन कर दिया जाना चाहिए। गुजरात में चार शहरों अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा को बुधवार तक बंद कर दिया गया है। इन शहरों में केवल जरूरी सामान बेचने वाली दुकानें ही खुली रहेंगी। इनमें सब्जी, दूध और दवा की दुकानें शामिल हैं। कई राज्यों ने शहरों से गांवों की तरफ पलायन रोकने के लिए बस सेवाओं को रोक दिया है। शनिवार को प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था कि कई लोग शहरों से गांवों की ओर लौट रहे हैं। भीड़भाड़ में सफर करने से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पलायन से दूसरे लोगों के लिए भी खतरा पैदा हो जाएगा और उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। इस बीच सरकार ने अफवाहों पर लगाम लगाने की कोशिश की। प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो पीआईबी ने ट्वीट किया कि शाम 5 बजे ताली बजाने का मकसद जरूरी सेवाओं में लगे लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है और इससे वायरस खत्म नहीं होगा। सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही थी कि थाली बजाने से जो ऊर्जा पैदा होगी उससे वायरस खत्म हो जाएगा। कतर से हाल में लौटे 38 साल के एक व्यक्ति की पटना के एम्स में मौत हो गई। हालांकि उसमें कोरोनावायरस के संक्रमण की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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