देश में अप्रैल 2020 तक पूरी तरह भारत स्टेज4 उत्सर्जन मानदंडों के बदले भारत स्टेज6 उत्सर्जन मानदंडों को लागू किया जाना है और इसलिए कई कार विनिर्माता बाजार में बीएस6 उत्सर्जन मानदंड के मॉडल उतारने की तैयारी कर रही है। लेकिन कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी ने कहा है कि अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के दौरान बीएस4 कारों की कुल बिक्री के मुकाबले उसके बीएस6 कारों की अधिक बिक्री हुई।
मारुति ने अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 की अवधि में 7 लाख से अधिक बीएस6 वाहनों की बिक्री जबकि इस दौरान उसके बीएस4 वाहनों की कुल बिक्री 6.59 लाख वाहन रही। कंपनी के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि बीएस6 के लिए जल्द शुरुआत करने से हमारे डीलरों को मदद मिली क्योंकि बीएस6 वाहनों के स्टॉक को अंतिम क्षणों में खपाने के लिए उन्हें कोई चिंता नहीं है।
मारुति सुजूकी इंडिया के वरिष्ठï कार्यकारी निदेशक एवं कार्यकारी बोर्ड के सदस्य सीवी रमण ने कहा कि कंपनी ने अपने इंजन को बीएस6 में तब्दील करने की प्रक्रिया सरकार द्वारा इस संबंध में घोषणा किए जाने के तुरंत बाद 2016 में ही शुरू कर दी थी। उस समय भारतीय वाहन उद्योग ने बीएस4 को भी पूरी तरह नहीं अपनाया था।
पिछले दो वर्षों के दौरान मारुति ने अपनी बीएस6 परियोजनाओं पर काम करने के लिए श्रम बल में 1.5 गुना वृद्धि की। साथ ही कंपनी ने अपने उत्सर्जन प्रयोगशालाओं की संख्या को भी 4 से बढ़ाकर 12 कर दिया। मारुति अपने 14 मॉडलों के लिए 11,000 से अधिक उत्सर्जन परीक्षण करती है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने आईसीएटी अथवा एआरएआई जैसी परीक्षण एजेंसियों की भी सेवाएं ली ताकि तय समय-सीमा से पहले तैयारी पूरी की जा सके।
रमण ने कहा, 'हमारी टीम ने आपूर्तिकर्ता साझेदारों के साथ मिलकर कड़ी मेहनत की ताकि हम अपने ग्राहकों को निर्धारित समय-सीमा से पहले उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस बीएस6 उत्सर्जन मानदंड वाले वाहनों की पेशकश कर सकें। ऑल्टो और बलेनो जैसे लोकप्रिय मॉडलों को भी करीब एक वर्ष पहले यानी अप्रैल 2019 तक बीएस6 पेट्रोल इंजन के साथ बाजार में उतार दिया गया।' रमण ने कहा कि बाद में अन्य लोकप्रिय मॉडलों को भी बीएस6 उत्सर्जन मानदंडों के साथ उतारा गया।
कंपनी ने जून 2019 में वैगनआर, स्विफ्ट और डिजायर को, जुलाई 2019 में अर्टिगा को, अगस्त 2019 में एक्सएल6 को, सितंबर 2019 में एस-प्रेसो को, जनवरी 2020 में इको, सेलेरियो, सुपर कैरी, सियाज को और फरवरी 2020 में विटारा ब्रेजा व इग्निस को बीएस6 उत्सर्जन मानदंड के साथ बाजार में उतारा।
अपने प्रमुख मॉडलों को नए उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन के साथ बाजार में निर्धारित समय-सीमा से पहले उतारने के कारण कंपनी को निश्चित तौर पर फायदा हुआ। इससे कंपनी के डीलर साझेदारों को भी मदद मिली क्योंकि उन्हें बीएस4 वाहनों के बचे स्टॉक को अंतिम समय में खपाने की चिंता नहीं सताएगी। यही कारण है कि मारुति सुजूकी आनन-फानन में कोई बिक्री नहीं कर रही है। कंपनी के बिक्री नेटवर्क में अनबिकी बीएस4 कारों की संख्या 1,000 से भी कम है।
गौरतलब है कि भारतीय वाहन डीलरों ने सर्वोच्च न्यायालय से बीएस4 वाहनों की बिक्री के लिए समय सीमा में विस्तार की गुहार लगाई है ताकि बड़ी तादाद में बची इन्वेंटरी को खपाया जा सके। उनका कहना है कि आर्थिक मंदी और कोरोनावायरस के फैलने से ग्राहकों की आवक कम हो गई है।
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