दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा आर्थिक नुकसान को सीमित करने के लिए तमाम उपायों की घोषणा करने के बावजूद कोरोनावायरस के कारण शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है। बेंचमार्क सेंसेक्स 1,709 अंक फिसलकर 28,870 पर बंद हुआ। निफ्टी भी करीब 500 अंक लुढ़ककर 8,469 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक वर्तमान में तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
वित्तीय शेयरों की अगुआई में बाजार में गिरावट देखी गई। दूरसंचार क्षेत्र में निवेश और आर्थिक नुकसान की आशंका से निवेशकों ने निजी क्षेत्र के बैंकों के शेयरों की बिकवाली की। कोरोनावायरस के प्रसार को लेकर चिंता बनी हुई है। बुधवार तक देश में करीब 130 लोगों में संक्रमण की पुष्टिï हुई है और अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञ सरकार के आंकड़ों से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि वास्तविक आंकड़े इससे दस गुना ज्यादा हो सकते हैं।
नोमुरा में इंडिया इक्विटी रिसर्च के प्र्रमुख सायन मुखर्जी ने कहा, 'चीन के बाद भारत में कोविड-19 का प्रसार होने से मांग में गिरावट को लेकर चिंता बढ़ गई है, जिससे निकट भविष्य में आर्थिक वृद्घि पर असर पड़ सकता है। केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन इस पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन एक तरह से बंदी के माहौल के साथ ही वैश्विक नरमी से देश के आर्थिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।' नोमुरा ने साल के अंत तक निफ्टी का लक्ष्य 13,070 के स्तर से घटाकर 11,030 कर दिया है।
डाल्टन कैपिटल इंडिया के निदेशक यूआर भट्ट ने कहा, 'अर्थव्यवस्था में पहले से ही नरमी थी और हम उम्मीद कर रहे थे कि स्थिति में सुधार होगा। लेकिन कोरोना के कारण सुधार में और देरी होगी। कई आर्थिक गतिविधियां ठप हैं, जिससे मांग और कंपनियों की आय में सुधार की संभावना आगे टल सकती है।'
दुनिया भर के शेयर बाजारों में बिकवाली देखी गई और निवेशक नकदी जमा करने में जुटे रहे। इस बीच ब्रेंट क्रूड 17 साल के निचले स्तर पर फिसल गया और 26 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। विश्लेषकों ने कहा कि यात्रा पर बंदिश, कई देशों में प्रवेश पर रोक और अमेरिका में मांग घटने से तेल की कीमतें घटी हैं। विदेशी निवेशकों ने 5,085 करोड़ रुपये की बिकवाली की और इस महीने अब तक 60,000 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। घरेलू निवेशकों ने 3,636 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी निवेशक किसी भी कीमत पर शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि बाजार में और गिरावट आ सकती है और सुधार में काफी वक्त लग सकता है। इंडसइंड बैंक का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है और इसके शेयर करीब 24 फीसदी तक टूट गए। बीएसई के सभी क्षेत्रों के सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। दूरसंचार सूचकांक में 9.5 फीसदी और वित्तीय सूचकांक में 7.6 फीसदी की गिरावट आई।
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