देश के विभिन्न राज्य कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के पृथक्करण में लगे हुए हैं, वहीं देश के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) ने 'द मून' को समुद्र में रोक रखा है। ईरान से आ रहे तुकी और भारत के क्रू वाले जहाज को अलग रखा गया है।
बंदरगाह के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'क्रू के तुर्की सदस्य लंबे समय से ईरान के स्थानीय नागरिकों के साथ रहे हैं। इसे देखते हुए पोर्ट ने इस जहाज को 14 दिन से अलग रखा है, जो अवधि आज (16 मार्च) को पूरी हो रही है। अब एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उसके बाद पोर्ट के स्वास्थ्य अधिकारी इसकी समीक्षा करेंगे और पूरी प्रक्रिया होने के बाद इस जहाज को गोदी में लाया जाएगा।' इस जहाज में तरल अमोनिया आ रहा है।
पश्चिम एशिया में कोरोनावायरस से प्रभावित देशों में ईरान में सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन से इतर कोविड-19 से प्रभावित देशों में ईरान सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल है। अधिकारी ने कहा, 'हमने कोई समयसीमा नहीं दी है कि कब उस जहाज को माल उतारने के लिए बंदरगाह पर लाया जाएगा। यह सबकुछ रिपोर्टों व कुछ अन्य मंजूरियों पर निर्भर होगा।'
जेएनपीटी की क्षमता 75 लाख टीईयू की है, जिसमें जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (जेएनपीसीटी), एपीएम टर्मिनल का गेटवे टर्मिनल्र्स इंडिया (जीटीआई), डीपी वल्र्ड (दो टर्मिनल) और पीएसए इंटरनैशनल शामिल हैं।
जबसे यह संकट पैदा हुआ है तबसे लेकर 16 मार्च तक बंदरगाह 5 कंटेनर वेसेल तय कार्यक्रम से चूके हैं। इसका मतलब यह है कि एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाएगी, बंदरगाह पर जहाजों की भीड़ जमा हो जाएगी। बंदरगाह अपने टर्मिनलों पर हर महीने औसतन 125 खेप मंगाता है। 5 जहाजों के चूकने का मतलब हुआ कि हर सप्ताह के एक खास दिन करीब 20 खेपें रद्द हुई हैं। जेएनपीटी के अधिकारियों ने कहा कि बाद में अतिरिक्त बोझ बढऩे को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमारा उपयोग करीब 51.3 लाख टीईयू का है। यह स्थापित क्षमता 75 लाख टीईयू से बहुत कम है। इसलिए अगर बंदरगाह पर बाद में आवाजाही बढ़ती भी है तो जेएनपीटी उन्हें संभाल लेगा। इस मामले में पर्याप्त संभावना है।' जेएनपीटी पर ज्यादातर कंटेनर वेसेल चीन होकर आते हैं। माना जा रहा है कि यह वायरस चीन के वुहान शहर में पैदा हुआ है। इसकी वजह से बंदरगाह के कारोबार पर भी बहुत असर पड़ा है।
एक सीमा शुल्क अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर बताया, 'जेएनपीटी पर करीब हर चीज चीन होकर आती है। इसकी वजह से सीमा शुल्क विभाग की तरफ से पिछले कुछ सप्ताहों से कोई काम नहीं हो रहा है। सब कुछ ठहर गया है।' बहरहाल बंदरगाह के अधिकारियों ने आवाजागी का विस्तृत ब्योरा देने से इनकार किया है। बंदरगाह के यातायात विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'कोई जरूरी नहीं है कि जेएनपीटी पर आवाजाही कोरोनावायरस की वजह से कम हुई हो। यह चीन में नए साल की वजह से होने वाली छुट्टियों के कारण भी हो सकती है।'
फरवरी के लिए बंदरगाह के कंटेनर ट्रैफिक आकड़ों के मुताबिक इस महीने में 4,16,523 टीईयू हैंडलिंग हुई, जो जनवरी के 4,26,131 टीईयू से 0.88 प्रतिशत कम है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वायरस संकट से इसका 15-20 प्रतिशत कारोबार प्रभावित होगा।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.