कोरोनावायरस के लगातार प्रसार से चिंतित प्रमुख वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें घटाकर या सस्ती पूंजी मुहैया कराकर इस महामारी के आर्थिक प्रभाव को कमजोर बनाने पर जोर दिया है। जहां आरबीआई ने सोमवार को घरेलू बैंकिंग व्यवस्था में आसान नकदी के उपायों की घोषणा की, वहीं रविवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी ब्याज दरें घटाकर लगभग शून्य कर दीं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन उपायों से कितनी मदद मिलेगी, क्योंकि कमजोर मांग परिदृश्य का कई प्रमुख आईटी कंपनियों पर प्रभाव पड़ा है। अमेरिकी वित्तीय सेवाओं, रिटेल और ऊर्जा क्षेत्रों पर ज्यादा निर्भरता की वजह से इन कंपनियों को दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो जैसे प्रमुख आईटी कंपनियां अपने कुल राजस्व का 21-32 प्रतिशत हिस्सा बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा) क्षेत्र से कमाती हैं और अमेरिका का उनके राजस्व में 50 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान रहा है।
पिछले एक महीने में निफ्टी में 24 प्रतिशत की गिरावट के बीच निफ्टी का आईटी सूचकांक भी 25 प्रतिशत से ज्यादा टूटा है। आईटी क्षेत्र के लिए अनुकूल समझी जाने वाली रुपये में गिरावट के बावजूद इन शेयरों में कमजोरी आई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में विश्लेषक अमित चंद्रा का कहना है, 'अमेरिका समेत वैश्विक रूप से बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती के नकारात्मक प्रभाव की वजह से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में वृद्घि सपाट बनी रह सकती है। इस वजह से वित्त वर्ष 2021 में प्रमुख आईटी कंपनियों के लिए ऊंचे एक अंक की राजस्व वृद्घि हासिल करना कठिन होगा।'
शेयरखान में शोध प्रमुख संजीव होता का कहना है, 'अमेरिका में दर कटौती से बीएफएसआई ग्राहकों का खर्च प्रभावित होगा और कोरोनावायरस के प्रभाव के बीच कुछ खास वर्टिकलों में ग्राहकों के अतिरिक्त खर्च में कमी आएगी।' आईटी पर ग्राहकों के खर्च में कमी से भारतीय आईटी कंपनियों पर दो तरह से नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा- मौजूदा सौदों के सफल होने में विलंब होगा और नए सौदों का आकार घटेगा। मार्जिन पर भी दबाव देखा जा सकता है, क्योंकि ग्राहक अपने पैसे की अधिक वैल्यू तलाश रहे हैं। कोरोनावायरस से पहले से ही दबाव झेल रहे बीएफएसआई वर्टिकल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तिमाही आधार पर कई आईटी कंपनियों को दिसंबर 2019 तिमाही में बीएफएसआई सेगमेंट में नकारात्मक वृद्घि का सामना करना पड़ा।
बीएफएसआई ही नहीं, रिटेल सेगमेंट पर भी दबाव दिखेगा। कुछ आईटी कंपनियों के लिए रिटेल दूसरा सबसे बड़ा बिजनेस वर्टिकल (राजस्व में 15-17 प्रतिशत योगदान) रहा है। कोरोनावायरस के प्रसार की वजह से अमेरिका और यूरोप में रिटेल स्टोर बंद हैं। कुछ विश्लेषकों ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से ऊर्जा खंड पर भी कुछ दबाव पडऩे की आशंका जताई है।
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