वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 अप्रैल से विलय किए जाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के दो सेट के मुख्य कार्याधिकारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद वित्त मंत्री ने ट्िवटर पर जारी अपने वक्तव्य में कहा कि बैंको से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि विलय की प्रक्रिया के कारण ऋण में कोई बाधा न आए। विलय किए जाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपनी तैयारियों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष एक प्रस्तुति दी। वित्तीय सेवाओं के विभाग की ओर से जारी एक वकतव्य में कहा गया, 'विलय किए जाने वाले बैंक यह सुनिश्चित करें कि ऋण में बाधा नहीं आए और ग्राहकों के अनुभव में वृद्घि हो।' वित्त मंत्री ने आज पंजाब नैशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनियन बैंक इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के मुख्य कार्याधिकारियों से मुलाकात की। बाकी बचे बैंकों से वित्त मंत्री शुक्रवार को मुलाकात करेंगी। बैंकों ने वित्त मंत्री के समक्ष ऋण और जमा वृद्घि तथा वर्ष वार तालेमल योजना सहित कारोबारी और वित्तीय योजनाओं का खाका पेश किया। वित्त मंत्री ने विलय किए जाने वाले बैंकों की ग्राहकों के सवालों और कठिनाइयों का सामना करने और समाधान करने की तैयारियों और क्षमताओं का आकलन किया। 1 अप्रैल से पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी), ऑरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया मिलकर देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। केनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का विलय किया जाएगा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का आंध्रा बैंक तथा कॉर्पोरेशन बैंक के साथ विलय किया जाएगा और इंडियन बैंक में इलाहाबादा बैंक का विलय होगा। अप्रैल से इन बैंकों के बही खातों और स्टॉकों का विलय हो जाएगा।
