श्रीमी चौधरी और सुब्रत पांडा / नई दिल्ली March 11, 2020
येस बैंक के 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा फंसे कर्ज प्रवर्तन निदेशालय के जांच के घेरे में है। बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर की हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की मांग करते हुए जांच एजेंसी ने सत्र न्यायालय से कहा कि निदेशालय इसकी जांच कर रहा है कि क्या कंपनियों को आवंटित इन कर्जों का धनशोधन कपूर के नियंत्रण वाली 78 इकाइयों को किया गया।
पीएमएलए की विशेष अदालत ने राणा कपूर की हिरासत की अवधि बढ़ाकर 16 मार्च कर दी। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को सौंपे रिमांड आवेदन में कहा, पाया गया कि येस बैंक की तरफ से कपूर के कार्यकाल में कई कंपनियों को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज गैर-निष्पादित आस्तियों में बदल गए। यह तय करने के लिए कपूर से पूछताछ की जरूरत है कि क्या कर्ज के रूप में दी गई इस रकम का धनशोधन तो नहीं किया गया। निदेशालय ने यह भी कहा कि 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज की जांच अनियमितता, रिश्वत आदि के नजरिये से हो रही है। ईडी की जांच में पाया गया कि कपूर परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली करीब 78 कंपनियां हैं, जिनका नियंत्रण व प्रबंधन कपूर करते हैं।
इनसे जुड़े दस्तावेज हासिल किए जा रहे हैं और उसका इस्तेमाल यह तय करने में किया जाएगा कि येस बैंक से रकम का हस्तांतरण इन कंपनियों को तो नहीं किया गया। निदेशलय ने राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदु कपूर और तीन पुत्रियों रोहिनी कपूर, राधा कपूर और राखी कपूर को इस मामले में आरोपी बनाया है।
हर लेनदेन का विस्तृत विश्लेषण पेश करते हुए ईडी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इस मामले में आरोपी ने हजारोंं करोड़ रुपये की हेराफेरी की। आरोपी ने इस काली कमाई के वैध होने का दावा किया। इससे पहले ईडी ने इसी अदालत में 8 मार्च को 4,300 करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात कही थी और कपूर को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी थी।
यह शुरुआती अनुमान है जो बयान, तलाशी के दौरान जब्ती आदि पर आधारित है। ईडी के मुताबिक, येस बैंक का कुल कर्ज 2.25 लाख करोड़ रुपये हो सकता है, जिसमें से करीब 42,000 करोड़ रुपये कथित तौर पर एनपीए बन गए।हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए निदेशालय ने कहा कि इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि कपूर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अभी तक इस मामले की जरूरी सूचना नहीं मुहैया कराई है। गड़बड़ी का पता लगाने के लिए लगातार पूछताछ की दरकार है और अगर हिरासत की अवधि नहीं बढ़ाई गई तो जांच पर असर पड़ सकता है।
ईडी ने कहा कि कपूर को उन लोगों के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने की जरूरत है जिसके बयान पिछले कुछ दिनों में दर्ज किए गए हैं। इसकके साथ ही धनशोधन से जुड़ी बड़ी रकम के वास्तविक इस्तेमाल के बारे में भी उनसे जानकारी हासिल करने की जरूरत होगी। ईडी ने अदालत को बताया कि कपूर मामले से जुउ़े कुछ अहम तथ्यों का खुलासा कर सकते हैं जिसकी जानकारी केवल उन्हीं को है क्योंकि बैंक के कामकाज से वे सीधे तौर पर जुड़े हुए थे और एक अहम अधिकारी थे।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.