सूटी में हिस्सा बेच विनिवेश लक्ष्य पूरा करेगी सरकार!
अरूप रॉयचौधरी / नई दिल्ली March 11, 2020
केंद्र सरकार स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (सूटी) के तहत ऐक्सिस बैंक और आईटीसी में अपनी करीब 8,000 करोड़ रुपये मूल्य की हिस्सेदारी को 31 मार्च से पहले बेचने की तैयारी कर रही है। इस कदम से सरकार को 2019-20 में 65,000 करोड़ रुपये के संशोधित विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकती है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'संशोधित विनवेश अनुमान को पूरा करने में कुछ कमी रह सकती है। इसकी भरपाई के लिए दीपम सूटी में करीब 8,000 करोड़ रुपये मूल्य की हिस्सेदारी बेचेगा।' दीपम निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग है। वर्तमान में केंद्र सरकार की सूटी के जरिये ऐक्सिस बैंक में 4.31 फीसदी और आईटीसी में 7.93 फीसदी हिस्सेदारी है। बुधवार को बंद भाव के आधार पर ऐक्सिस बैंक की हिस्सेदारी का मूल्य करीब 8,211 करोड़ रुपये और आईटीसी में शेयर का कुल मूल्य करीब 17,127 करोड़ रुपये है। इसके अलावा केंद्र की सूटी के जरिये एलऐंडटी में भी 1.7 फीसदी हिस्सेदारी थी जिसे पिछले साल बेच दिया गया था। वित्त वर्ष 2018-19 में दीपम को 80,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य दिया गया था लेकिन उसने 84,972 करोड़ रुपये जुटा लिए थे। हालांकि 2020-21 के बजट दस्तावेज के अनुसार 2018-19 में वास्तविक विनिवेश प्राप्तियां 94,727 करोड़ रुपये रही थी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि विनिवेश लक्ष्य में वृद्घि मुख्य रूप से सूटी में 7,000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेचने से आई थी। खबरों के अनुसार सूटी के बिना सरकार 2019-20 का संशोधित लक्ष्य हासिल करने में पीछे रह सकती है।ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सेल, एनएमडीसी, पीएफसी, कोल इंडिया, इरकॉन, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और अन्य कंपनियों के मार्च में प्रस्तावित ओएफएस को बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए टाल दिया गया है।सूत्रों के अनुसार 31 मार्च तक एनटीपीसी द्वारा टीएचडीसी और नीपको की खरीद, आईआरएफसी का आईपीओ और कुछ पीएसयू की पुनर्खरीद हो सकते हैं।
वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि एनटीपीसी के इस सौदे से करीब 15,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं, वहीं आईआरएफसी के आईपीओ और कुछ पीएसयू की पुनर्खरीद से 5 हजार से 7 हजार करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। दीपम ने अब तक करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।चालू वित्त वर्ष 31 मार्च को खत्म हो रहा है और संशोधित विनिवेश लक्ष्य 1.05 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 65,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में 2019-20 के लिए कर राजस्व और कुल अनुमानित व्यय को भी संशोधित करने की बात कही थी। इसी तरह राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 फीसदी से बढ़कर 3.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। दीपम ने अंतिम बार राइट्स के ओएफएस से 400 करोड़ रुपये जुटाए थे जबकि सरकार इससे करीब 1,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद कर रही थी। सरकार की बड़ी विनिवेश योजना जिनमें एयर इंडिया का निजीकरण, भारत पेट्रोलियम, कॉनकॉर और शिपिंग कॉर्पोरेशन का विनिवेश और भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ अगले वित्त वर्ष के लिए टाल दिया गया है।
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