कमजोर पेट्रोलियम मांग की आशंका से लुढ़का रिलायंस इंडस्ट्रीज
अमृता पिल्लई / मुंबई March 09, 2020
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) सोमवार को स्टॉक एक्सचेंजों पर लगभग 13 प्रतिशत गिर गया। कमजोर पेट्रोलियम मांग की आशंका से इस शेयर में यह बड़ी गिरावट आई। सोमवार के कारोबार में, आरआईएल 1,113.15 रुपये पर बंद हुआ, जो बीएसई पर पूर्ववर्ती स्तर से 12.35 प्रतिशत की गिरावट है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और पेट्रोलियम व्यवसाय के लिए कमजोर मांग की आशंका से इस शेयर पर दबाव पड़ा है।
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग में उपाध्यक्ष नितिन तिवारी ने कहा, 'शेयर में गिरावट की मुख्य वजह पेट्रोलियम के लिए कमजोर मांग है। पेट्रो रसायन खंड का आर्थिक वृद्घि से 1-1.5 गुना का संबंध रहा है। क्षमता वृद्घि के बावजूद सुस्त आर्थिक वृद्घि से पैदा हुए कमजोर मांग परिदृश्य से चिंता बढ़ी है। कच्चे तेल में नरमी इस संदर्भ में सकारात्मक है कि इससे मार्जिन को मदद मिल सकती है, हालांकि मांग से संबंधित किसी तरह की कमजोरी से मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।' आरआईएल के पेट्रोकेमिकल्स व्यवसाय का उसके एकीकृत एबिटा में लगभग 31 प्रतिशत का योगदान है।
केआरचोकसी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी कहते हैं, 'मौजूदा समस्या निश्चित तौर पर कच्चे तेल कीमतों में भारी गिरावट और उससे पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति पर पड़ा प्रभाव है। कुछ समय तक पेट्रोलियम उत्पादों के उठाव में अनिश्चितता देखी जा सकती है जिससे संक्षिप्त अवधि के लिए आरआईएल प्रभावित हो सकती है।'
कुल मिलाकर, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन जैसी रिफाइनर कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का लाभ मिलेगा। आरआईएल का रिफाइनिंग व्यवसाय भी समान रूप से लाभान्वित होने की स्थिति में है। विश्लेषकों तरुण लखोटिया और हेमांग खन्ना ने कोटक सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में लिखा है, 'हमारा मानना है कि डाउनस्ट्रीम तेल कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से विपणन मार्जिन सुधारने, नुकसान में कमी लाने और पश्चिम एशियाई क्षेत्र से कच्चे तेल डिस्काउंट में इजाफा करने में मदद मिलेगी। इस वृद्घि से इन कंपनियों को इन्वेंट्री पर हुए एक-मुश्त नुकसान के साथ साथ रिफाइनिंग मार्जिन में आई कमजोरी की भरपाई करने में मदद मिलेगी।' रिफाइनिंग लाभ, कुछ अन्य राहत इस पर निर्भर करेगी कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी बनी रहती है या नहीं।
एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक ने नाम नहीं छापने के अनुरोध के साथ कहा, 'आरआईएल के लिए सोमवार की गिरावट वैश्विक बिकवाली की वजह से आई। हालांकि यदि कच्चा तेल यदि मौजूदा स्तर पर बना रहता है तो पेट्रोकेमिकल के लिए मांग कमजोर रह सकती है।' आरआईएल का निर्यात भी प्रभावित होने की आशंका है। दिसंबर 2019 की तिमाही में, कंपनी के भारतीय परिचालन से निर्यात 13.7 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 53,804 करोड़ रुपये पर रहा। पिछले कुछ सप्ताहों से आरआईएल पर दबाव बना हुआ था और सोमवार को इसमें बड़ी गिरावट आई।
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