शेयरों में भारी बिकवाली के बाद कृषि जिंसों में भी आज तेज गिरावट आई। कच्चे तेल में काफी मंदी का रुख होने से ग्वार सीड और ग्वार गम के दाम भी नीचे आ गए। यही रुख कच्चे पाम तेल की मांग में भी नजर आया जिसकी मांग जैव-ईंधन बाजार से आती है। कच्चा तेल फिसलने के बाद इस मांग में भी रुकावट आ गई। एनसीडीईएक्स पर डेरिवेटिव में कारोबार करने वाले सभी मसालों और चने में आज आज गिरावट रही। ग्वार गम, ग्वार सीड, कच्चा पाम तेल और सोयाबीन जैसे अन्य सभी खाद्य तेलों में आज डेढ़ से चार प्रतिशत तक की गिरावट आई। कच्चे तेल के दामों का खाद्य तेलों (कच्चे पाम तेल और सोया तेल) तथा ग्वार गम जैसी कई कृषि जिंसों के साथ सीधा संबंध होता है। कोटक सिक्योरिटीज में जिंस अनुसंधान प्रमुख-उपाध्यक्ष रवींद्र राव ने बताया कि जनवरी 2020 के बाद से ब्रेंट क्रूड तेल के दाम तकरीबन 50 प्रतिशत तक लुढ़कने के कारण जैव-ईंधन मिश्रण में खाद्य तेलों (पाम और सोया दोनों) के इस्तेमाल का आकर्षण काफी कम हो गया है। बोर्स मलेशिया पर कच्चा पाम तेल आज के सत्र के पूर्वार्ध के दौरान 10 प्रतिशत के लोअर सर्किट तक आ गया। एमसीएक्स पर यह गिरकर तीन प्रतिशत से कुछ ही ऊपर बंद हुआ। ग्वार गम में इसलिए गिरावट आई क्योंकि इसका इस्तेमाल फ्रैकिंग में होता है। यह शेल गैस निकालने का तरीका होता है जिसमें पंप से दबावयुक्त गैस को जमीन में पहुंचाया जाता है। शेल तेल की कीमतों में गिरावट से न तो गम उतना आकर्षक रहा है और न ही इसके लिए ज्यादा दामों का भुगतान करना व्यावहारिक रहा। ग्वार गम का अप्रैल का अनुबंध आज लोअर सर्किट में भी आ गया। ग्वार सीड ने भी गम के दामों का अनुसरण किया है।उन्होंने यह भी कहा कि अनिश्चितता की इस स्थिति में, जहां एक दिन में 30 प्रतिशत की गिरावट के बाद कच्चे तेल के दामों के भविष्य की दिशा का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो जाता है, हम ग्राहकों को दूर रहने और बाजार के स्थिर होने तक इंतजार करने की सलाह दे रहे हैं ताकि वे सूझबूझ से फैसला कर सकें। जब बाजार में काफी घबराहट हो, तो इससे दूर रहना ही हमेशा सुरक्षित रहता है जैसा कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के कारण बाजार में आज हुआ। अन्य जिंसों और परिसंपत्तियों में कमी की भरपाई करने के लिए ब्रोकरों की मार्जिन मांग कृषि जिंसों में भी देखी गई और ज्यादातर जिंसों के दामों में तेज गिरावट आई। ब्रोकर कच्चे तेल और यहां तक कि शेयरों में भी मार्जिन मांग की पूर्ति के लिए बाजार में जो कुछ बेच सकते थे, उसकी बिक्री करते नजर आ रहे थे। बाजार में भगदड़ के बाद मसालों में भी गिरावट थी।
